हाइलाइट्स
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रतलाम के हरियाखेड़ा सरपंच को पद से हटाया
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6 महीने पहले EOW ने रिश्वत लेते पकड़ा था
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6 साल तक नहीं ले सकेंगे निर्वाचन में हिस्सा
Ratlam Sarpanch Reshwat Case: मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की जनपद पंचायत पिपलौदा की ग्राम पंचायत हरियाखेड़ा के सरपंच जितेंद्र पाटीदार को पद से हटा दिया गया है। करीब 6 महीने पहले ईओडब्ल्यू ने सरपंच जितेंद्र पाटीदार को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। अब जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव ने सरपंच जितेंद्र पाटीदार को पद से हटाने की कार्रवाई की। वे 6 साल तक किसी भी निर्वाचन में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।
क्या था पूरा मामला ?
हरियाखेड़ा सरपंच के खिलाफ शिकायत रतलाम निवासी पिंटू मुनिया ने की थी, मुनिया हर्ष इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में मैनेजर हैं। उन्होंने शिकायत में बताया कि ग्राम पंचायत हरियाखेड़ा से 200 डंपर मुरम ले जाने के लिए खनिज विभाग की अनुमति चाहिए थी। इसके लिए ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) मांगा गया।
सरपंच जितेंद्र पाटीदार ने NOC देने के बदले 20 हजार रुपए की घूस मांगी। 23 जनवरी को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) उज्जैन की टीम ने उन्हें रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।
EOW ने ने रंगे हाथों पकड़ा था
गिरफ्तारी के बाद सरपंच जितेंद्र पाटीदार पर अधिनियम 1981 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद मामला जिला पंचायत न्यायालय भेजा गया।
जिला पंचायत न्यायालय ने पद से हटाया
जिला पंचायत न्यायालय रतलाम में मामले की सुनवाई हुई। जांच में सरपंच को दोषी पाया गया। वे एक लोक सेवक होते हुए कार्य के बदले रिश्वत लेते पाए गए। इसके आधार पर सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40(1)(ख) के तहत सरपंच को पद से पृथक करने की कार्रवाई की।
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6 साल तक नहीं ले सकेंगे चुनाव में हिस्सा
कोर्ट ने यह भी तय किया कि सरपंच अब 6 साल तक किसी भी प्रकार के निर्वाचन में भाग नहीं ले सकेंगे। इस कार्रवाई के बाद पूरे इलाके में इस मामले की चर्चा है।