हाइलाइट्स
- वोटर लिस्ट के 5 बड़े बदलाव जो डालेंगे आप पर असर
- अब 1200 वोटरों पर एक बूथ, घर बैठे बदलवाएं फोटो
- वोटर लिस्ट 2025 में महा-बदलाव की तैयारी
UP Voter List: उत्तर प्रदेश में अगर आप एक मतदाता हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट में नाम कटने, गलत बूथ पर नाम होने या फोटो साफ न होने जैसी समस्याओं से अब आपको जल्द ही छुटकारा मिल सकता है। भारत निर्वाचन आयोग ने 2025 के लिए मतदाता सूची को ‘जीरो-एरर’ बनाने का एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया है, जिसके तहत कई अहम बदलाव किए जा रहे हैं।
इस अभियान की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इतिहास में पहली बार प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (जिलाधिकारियों) को सीधे तौर पर फिजिकल ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि मतदाता पुनरीक्षण अभियान को सफल बनाया जा सके।
वोटर लिस्ट के 5 बड़े बदलाव जो डालेंगे आप पर असर
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने लखनऊ में अधिकारियों को प्रशिक्षण देते हुए इन बदलावों की जानकारी दी। आइए जानते हैं कि वे 5 प्रमुख बदलाव कौन से हैं जो सीधे तौर पर आपको प्रभावित करेंगे:
- अब 1200 वोटरों पर एक बूथ: अब तक 1500 मतदाताओं पर एक पोलिंग बूथ होता था, जिससे बूथों पर लंबी कतारें लगती थीं। अब इसे घटाकर 1200 मतदाता प्रति बूथ कर दिया गया है। इससे प्रदेश में 21,000 से ज्यादा नए पोलिंग बूथ बनेंगे और आपको वोट डालने में आसानी होगी।
- पूरा परिवार, एक ही बूथ: अक्सर देखा जाता है कि एक ही घर के सदस्यों का नाम अलग-अलग पोलिंग बूथ की लिस्ट में होता है, जिससे परिवार को मतदान के दिन परेशानी होती है। आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि एक परिवार के सभी सदस्यों का नाम एक ही पोलिंग बूथ में दर्ज किया जाए।
- धुंधली फोटो तो नहीं डाल पाएंगे वोट: वोटर लिस्ट में अगर आपकी तस्वीर पुरानी या धुंधली है, तो उसे बदला जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी मतदाताओं की फोटो स्पष्ट हो, ताकि मतदान के दिन पहचान में कोई गड़बड़ी न हो।
- टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल: अधिकारियों को ईआरओ नेट (ERO Net), बीएलओ ऐप (BLO App) और वोटर हेल्पलाइन ऐप (Voter Helpline App) की गहन जानकारी दी गई है। अब फॉर्म भरवाते समय आपका फोन नंबर लेना अनिवार्य होगा ताकि आप तक हर सूचना आसानी से पहुंच सके।
- जिलाधिकारियों की सीधी जिम्मेदारी: मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने की जिम्मेदारी अब सीधे तौर पर जिला निर्वाचन अधिकारियों की होगी। उन्हें व्यक्तिगत रूप से इस पर ध्यान देने और समय-समय पर राजनीतिक दलों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्यों हो रहा है यह बदलाव?
चुनाव आयोग का लक्ष्य एक ऐसी मतदाता सूची तैयार करना है जो पूरी तरह से साफ-सुथरी और विश्वसनीय हो, ताकि चुनाव के समय किसी भी तरह के विवाद की कोई गुंजाइश न रहे। इसी उद्देश्य से मेरठ, वाराणसी और लखनऊ में जिलाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जिसमें उन्हें निर्वाचन कानूनों से लेकर तकनीकी पहलुओं तक की पूरी जानकारी दी गई है।
नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे फॉर्म-6 (नया नाम जोड़ने), फॉर्म-7 (नाम हटाने) और फॉर्म-8 (जानकारी में सुधार) का सही इस्तेमाल करें और अपनी जानकारी दर्ज कराएं। यह अभियान यह सुनिश्चित करेगा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले अगले चुनाव अधिक सुगम और पारदर्शी हों।
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