Chhattisgarh Chudailjharia Village: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के चुड़ैलझरिया गांव के लोग वर्षों से इस नाम को लेकर जिल्लत झेल रहे हैं। जिससे उन्हें बहुत खराब महसूस होता है। साथ बहन-बेटियों को ब्याह कर जाने के बाद ससुराल में इसी नाम से पुकारा जाता है। गांववालों का कहना है कि गांव में आसपास सुंदर वनक्षेत्र है। यहां प्राकृतिक सौंदर्य फैला हुआ है। फिर इस गांव का नाम चुड़ैलझरिया कैसे हो सकता है ? यह हमारी सामाजिक पहचान को धूमिल करता है। इस नाम से गांव की महिलाएं सबसे ज्यादा आहत हैं। इसका नाम सुंदरझरिया होना चाहिए। जिससे हम रोजाना लोगों का मजाक बनने से बचें और सकारात्मकता के साथ जी सकें। गांववालों ने सरकार से गांव का नाम चुड़ैलझरिया से सुंदरझरिया करने की मांग की है।
वीडियो में गांव की सुंदरता तस्वीरें खुद-ब-खुद बयां कर रही हैं। इस सबके बावजूद गांव का अजीबोगरीब और अंधविश्वास से जुड़ा नाम यहां के ग्रामीणों को आहत कर रहा है।
चर्चा में चुड़ैलझरिया
जशपुर जिले के पत्थलगांव के ग्राम पंचायत पतरापाली के एक छोटे से गांव “चुड़ैलझरिया” का नाम इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। गांव के निवासियों का कहना है कि “चुड़ैल झरिया” जैसे गांव का नाम लेने से शर्मशार होना पड़ता है। ग्रामीणों का मानना है कि यह नाम उनके गांव की छवि को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है।
इस वजह से रखा ‘चुडैल झरिया’ नाम
चुड़ैल झरिया का अर्थ भूतों की झाड़ी होता है। यह शब्द ऐतिहासिक रूप से अंधविश्वास से जुड़ा हुआ है। असल में ‘चुड़ैल झरिया’ का मतलब ‘चुड़ैल की झाड़ी’ से निकलता है। यह गांव चारों ओर प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। चारों तरफ जंगली झाड़ी है। लोगों का मानना है कि कई वर्षों पूर्व इस झाड़ी से कई रहस्मयी आवाजें आती थी। जिस पर लोगों को चुड़ैल होने का संदेह था। इसी वजह से इस गांव का नाम चुड़ैल झरिया रखा गया था।
चुड़ैल शब्द का इस्तेमाल अक्सर भूत-पिसाच तौर पर किया जाता है, जिससे सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है। लोगों का कहना है कि जब उनकी गांव की बेटी की दूसरे गांव में शादी की जाती है तो उसे उसके गांव के नाम ‘चुड़ैल’ कहर से पुकारा जाता है।
क्या कहते हैं गांव के लोग ?

महिलाओं का कहना है कि इससे उन्हें अपमानित होना पड़ता है। हालांकि, ग्रामीणों ने अब इस गांव का नाम को चुड़ैल झाड़िया को बदलकर सुंदर झाड़िया करने का जिम्मा उठा लिया है।
गांव की बेटी शांति कुजूर का कहना है कि यहां की बेटियों को दूसरे गांव में चुडै़ल कह कर बोलते हैं, जो हमें अच्छा नहीं लगता है। हम लोग इस गांव के नाम को बदलना चाहते हैं। हम चाहते हैं जब हम दूसरे गांव जाएं तो लोग इस गांव को सुंदरझरिया बोलें। सिलबिना कुजुर का कहना है कि इस गांव को सुंदरझरिया पुकारा जाए।
अमरजीत का कहना है कि पुरखों का कहना है कि पहले यहां नदी-नाले में रात में चुड़ैल रहती थी। वहीं युवा वेदराम लकड़ा ने कहा कि पहले के लोग इसे चुड़ैलझरिया बोलते थे, लेकिन हम सुंदरझरिया बोलने लगे हैं।
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गांववालों ने कहा- चुड़ैल नहीं सुंदरझरिया

अब गांववालों ने मिलकर चुड़ैल झरिया की जगह सुंदरझरिया नाम बदलने की मांग की है। आपसी बोलचाल में ग्रामीणों ने चुड़ैल की जगह सुंदर झरिया की शुरुआत भी कर दी है उनका कहना है कि ‘चुड़ैल’ शब्द गांव की पहचान को मजाक बना देता है।”
अब देखना होगा कि गांव के जनप्रतिनिधि इस मामले क्या कारवाई करते हैं। हालांकि, ग्राम के सरपंच भी ग्रामीणों की मांग को लेकर गंभीर दिख रहे हैं।
बहरहाल ये सिर्फ एक नाम नहीं, पहचान की बात है। वनांचल से आच्छादित चुड़ैलझरिया के लोग अब सम्मान के साथ जीना चाहते हैं और इसके लिए वो अपना नाम बदलने को तैयार हैं।”
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