Vidhan Sabha Monsoon Session: उत्तरप्रदेश के विधानमंडल का मानसून सत्र आज सोमवार से शुरू हो रहा है। सरकार विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए पहला अनुपूरक पेश करेगी। जबकि 12 अध्यादेश भी सदन के पटल पर रखे जाएंगे, जो कि आकस्मिकता के आधार पर यूपी सरकार लाई थी। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों के बाद हो रहे पहले सत्र में विपक्ष के तेवर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं।
विधानसभा का फिलहाल जो कार्यक्रम जारी हुआ है, उसके अनुसार पांच दिन तक चलने वाले संक्षिप्त सत्र ही होगा। अनुपूरक बजट और अध्यादेश के स्थान पर नए कानूनों के पास करवाए जैसी गतिविधियों पर ही सदन का फोकस रहने वाला होगा।
उत्तर प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक के द्वारा हाल ही में बने नए विश्वविद्यालयों को एक्ट में समाहित किया जा सकता है। जबकि महिला संबंधित अपराधों में जमानत के प्रावधान कड़े करने, नकल रोकने के लिए कानून से जुड़े विधेयक भी आ सकते हैं।
विपक्ष ने तैयार की सरकार को घेरने की प्लानिंग
समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में विपक्ष कानून-व्यवस्था, आरक्षण सहित कई अहम मुद्दों पर योगी सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर रविवार को अखिलेश यादव के साथ बैठक आयोजित की गई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। किसानों के मुद्दों को लेकर सदन के बाहर भी विपक्ष प्रदर्शन करने का प्लान बना रही है।
लोकसभ चुनाव के नतीजों की गूंज अब मानसून सत्र भी सुनाई देने वाली है। विपक्ष ने लोकसभा सभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में कमाल का प्रदर्शन किया था, जिसके बाद वह इसे भी अपना हथियार बनाकर सरकार के पांव खींचने से पीछे नहीं हटेगी।
कांवड़ मार्गों पर नेम प्लेट लगाने, लखनऊ में अकबरनगर में चले बुलडोजर जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष ने पूरा लेखा जोखा तैयार कर लिया है। पहली बार नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे माता प्रसाद विपक्ष की अगुवाई करते नजर आएंगे।
बीजेपी की अंदरूनी कलह का फायदा उठाएगा विपक्ष
भारतीय जनता पार्टी के अंदर चल रही अंदरूनी कलह का असर भी इस बार सदन में देखने को मिलने वाला है। दरअसल, इसको लेकर हुए बयानबाजी, कयास आदि को विपक्ष मुद्दा बनाने की तैयारी कर रहा है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद सहयोगी पार्टियों की तरफ से भी सार्वजनिक तौर पर चिट्ठियां व असहज करने वाले बयान आए हैं। इसलिए इस भूमिका पर भी विपक्ष अपनी नजर बनाए रखेगा।
बता दे कि राज्यसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से बगावत कर भारतीय जनता पार्टी का साथ देने वाले 8 विधायकों का रुख भी मानसून सत्र में देखने वाला होगा। नजर इस पर रहेगी कि समाजवादी पार्टी बागवती विधायकों को एक बार फिर अपने खेमे में बैठने का मौका देगी या फिर वह इस बार भारतीय जनता पार्टी के खेमे में अपनी जगह की तलाश करते नजर आएंगे।
हालांकि, इससे पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पहले ही यह कह चुके हैं कि बीजेपी का साथ देने वालों के लिए सपा में किसी भी तरह का कोई स्थान मौजूद नहीं है।
ये भी पढ़ें- Thane Gangrape And Murder: महिला से सामूहिक बलात्कार-हत्या के विरोध में प्रदर्शन, आरोपियों को फांसी देने की मांग
ये भी पढ़ें- Devendra Fadnavis: dy CM देवेंद्र फडणवीस को जल्द मिल सकती है BJP में बड़ी जिम्मेदारी, पीएम मोदी से की मुलाकात