Surya Punarvasu Nakshtra Parivartan July 2024 in Hindi: अभी तक आद्रा नक्षत्र में चल रहे सूर्य बहुत जल्द एक बार फिर नक्षत्र बदलने वाले हैं। जी हां बीते 22 जून को जलचर नक्षत्र आद्रा में चल रहे सूर्य अगले महीने एक बार फिर नक्षत्र बदल रहे हैं। सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन कई मायनों में खास माना जाता है।
वो इसलिए क्योंकि जलचर नक्षत्र में जब सूर्य होता है तो इस दौरान बारिश के अच्छे बनते हैं। यदि जलचर नक्षत्र में स्त्री पुरुष योग बनता है तो इस दौरान बारिश यानी मानसून बहुत अच्छा माना जाता है।
पुनर्वसु नक्षत्र में कब से कब तक रहेंगे सूर्य
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार 22 जून से आद्रा नक्षत्र में चल रहे सूर्य 6 जुलाई 2024 को आद्रा नक्षत्र से पुनर्वसु नक्षत्र (Surya Ardra se punarvasu me july 2024) में प्रवेश कर रहे हैं। जो 20 जुलाई तक इसी नक्षत्र में रहेंगे।
पुनर्वसु नक्षत्र में बारिश कैसी होती है
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जलचर नक्षत्रों में जब भी स्त्री पुरुष योग बनता है तो बारिश अच्छी मानी जाती है, लेकिन इस बार पुनर्वसु नक्षत्र (Surya in Punarvasu Nakshatra) में स्त्री स्त्री योग बनने जा रहा है। जो बारिश के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। इस दौरान खंड बारिश के योग (Barish ke Yog) बनते हैं यानी 6 जुलाई से 22 जुलाई तक खंड बारिश के योग (Khand Barish ke Yog) बताए जा रहे हैं।
पुनर्वसु के बाद किस नक्षत्र में जाएंगे सूर्य
हिन्दू पंचांग (Hindi Panchang) के अनुसार सूर्य पुनर्वसु नक्षत्र (Surya Nakshtra in Hindi 2024) के बाद 22 जुलाई को 5 अगस्त तक पुष्य नक्षत्र में रहेंगे। जो 15 दिन तक इसी राशि में रहेंगे।
अश्लेषा नक्षत्र
5 अगस्त को सूर्य पुष्य नक्षत्र से अश्लेषा नक्षत्र (Ashlesha Nakshatra) में प्रवेश कर जाएंगे। जो 20 अगस्त तक इसी स्थिति में रहेंगे।
मघा नक्षत्र
20 अगस्त को अश्लेषा नक्षत्र से मघा नक्षत्र में गोचर (Ashlesa Nakshatra me surya) करेंगे। जो 5 सितंबर इसी नक्षत्र में रहेंगे। मघा नक्षत्र (Magha Nakshtra) में भी अच्छी बारिश के योग होते हैं।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
20 अगस्त से 5 सितंबर
उत्तरा नक्षत्र
5 सितंबर से 20 सितंबर
बारिश का अंतिम चरण हस्त नक्षत्र
सूर्य अपने नक्षत्र (Surya Nakshatra July 2024) गोचर काल में सबसे अंत में हस्त नक्षत्र (Hasta Nakshtra) में प्रवेश करते हैं। इस नक्षत्र में प्रवेश करने पर बारिश (Monsoon ki Bidai) अंतिम दौर में होती है। यानी इस दौरान बारिश की विदाई हो जाती है।
जल चर नक्षत्र कौन से हैं
हिन्दू पंचांग (Hindi Panchang) के अनुसार पुनर्वसु, अश्लेषा और पुष्य नक्षत्र जलचर नक्षत्र कहलाते हैं। यानि इन नक्षत्रों में बारिश (Surya Pushya Nakshatra) अच्छी मानी जाती है। लेकिन यदि इन नक्षत्रों में स्त्री-स्त्री योग बनता है तो खंड बारिश होती है।
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