Hathras Stampede: हादसे के हुए दो घंटे हो गए, किसी तरह घायलों को लोग खींच-खींचकर अस्तपाल तक तो ले आए, लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है। अस्पताल में ना ऑक्सीजन सिलेंडर है और ना ही ड्रिप लागने के लिए कोई नर्स। हालात- इलाज के अभाव में अपनों को सिर्फ मरते देखने की बेबसी।
ये हालात हैं हाथरस भगदड़ (Hathras Stampede) स्थल से 8 किमी दूर सिकंद्राराऊ के स्वास्थ्य केंद्र के। यहां बेबस लोग डॉक्टर का इंतजार करते रहे, लेकिन एक डॉक्टर होने की वजह से घायलों को इलाज ही नहीं मिल पाया। इलाज के अभाव में अस्पताल के बाहर और बरामदे में घायलों की सांसें टूट गईं।
भगदड़ हाथरस (Hathras Stampede) के पिछड़े गांव फुलरई में मची थी। हादसे के बाद लोगों ने बचाव कार्य शुरू किया। जिन 150 लोगों की सांसें चल रही थीं, उन्हें ऑटो, ट्रैक्टर-ट्रॉली और बाइक से लेकर 8 किलोमीटर दूर सिकंद्राराऊ CHC पहुंचे।
लोग खुद ही देने लगे CPR
अस्पताल के सभी स्ट्रैचर, यहां तक की बेंच पर भी घायलों को लिटा दिया गया। जब जगह नहीं बची तो अस्पताल के बरामदे में जमीन पर भी घायलों और मृतकों को लिटा (Hathras Stampede) दिया गया।
वीडियो आया सामने
इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि लोग खुद ही अपनों को सीपीआर दे रहे हैं। कुछ लोग बदहवास होकर दौड़ (Hathras Stampede) रहे थे, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
रेफर तक नहीं कर पाए
हालत यह थी कि एक छोटे से स्वास्थ्य केंद्र पर इतने संसाधन ही नहीं थे कि सबका इलाज किया जा सके। घायलों को किसी बड़े अस्पताल रेफर करने की स्थिति नहीं थी। मौके पर सिर्फ एक एम्बुलेंस थी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यहां पर इतने घायल आ गए कि अस्पताल में जगह ही नहीं बची। बाद में घायलों को रास्ते से ही एटा जिला अस्पताल भेजा जाने (Hathras Stampede) लगा।
जब अस्पताल लाए तब सांसें चल रही थीं
घायलों को लेकर पहुंचे सत्संग (Hathras Stampede) के सुरक्षाकर्मी ने कहा कि हम लोग खींच-खींचकर घायलों को अस्पताल लेकर आए। सांसें चल रही थीं, लेकिन अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर तक नहीं था। कोई अफसर या पुलिस भी नहीं आई है अब तक।
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भगदड़ में मरने वालों की संख्या 122 के पार
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। भोले बाबा के सत्संग में अचानक से भगदड़ मच गई।
जिससे 122 श्रद्धालुओं की जान चली गई। बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए।