हाइलाइट्स
-
शिक्षक भर्ती विवाद-पदवृद्धि पर खुलकर बोले मंत्री
-
बेरोजगार युवाओं की नियुक्ति सरकार की प्राथमिकता
-
स्कूलों ने की मनमानी तो सख्त एक्शन लेगा विभाग
Minister Uday Pratap Singh: मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग कई मुद्दों के कारण सुर्खियों में है। कुछ मुद्दे नीति से जुड़े हैं तो कुछ भर्ती से।
बंसल न्यूज डिजिटल ने इन तमाम मुद्दों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह ने खास बातचीत की।
जिसमें उदय प्रताप सिंह ने नवनियुक्त शिक्षकों को 100% वेतन, ट्रांसफर, स्कूलों की मनमानी और भर्ती विवाद के साथ पदवृद्धि को लेकर अपनी बात रखी।
हर महीने स्कूल में जाकर बच्चों के साथ समय बिताएंगे
राव उदयप्रताप ने कहा कि वे हर महीने एक स्कूल में जाकर बच्चों के साथ समय बिताएंगे। इसके लिए वे एक स्कूल तय करेंगे।
ऐसे ही मंत्री, विधायक, सांसद, आईएएस और आईपीएस सहित अन्य अधिकारियों से भी ये अपेक्षा कि गई है कि वह महीने डेढ़ महीने में आधे घंटे के लिए स्कूल जाएं।
इससे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी। सफल व्यक्तियों से बच्चों को प्रोत्साहन भी मिलता है।
यह प्रयोग एमपी में किया जा रहा है, सफल हुआ तो हजारों स्कूल सहज रूप से लगातार मॉनिटर होते रहेंगे।
आरटीई में नहीं दिया एडमिशन तो होगी कार्रवाई
प्राइवेट स्कूलों द्वारा आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन नहीं दिये जाने पर मंत्री उदय प्रताप ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों की ये बाध्यता है कि वह आरटीई के तहत बच्चों को एडमिशन दे। वैसे भी स्कूल फ्री में नहीं पढ़ा रहे हैं, सरकार इसका पैसा स्कूलों को देती है।
हालांकि ये राशि शैक्षणिक सत्र समाप्त होने के बाद आती है, कई बार थोड़े विलंब से आती है।
फीस प्रतिपूर्ति की ये बना रहे नई व्यवस्था
शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति की व्यवस्था बना रहे हैं। कोशिश है कि करेंट ईयर तक की पेंडेंसी क्लियर हो जाए।
अभी 2022-23 की राशि देने की स्थिति में हम हैं। इसे जल्द ही जारी कर देंगे। उसके बाद 2023-24 की पेंडेंसी भी क्लियर करेंगे, हालांकि इसमें थोड़ा विलंब हो सकता है।
स्कूलों की मनमानी रोकने अब सतत मॉनीटरिंग
उदय प्रताप सिंह ने बताया कि फीस एक्ट मध्य प्रदेश में पहले से लागू है। हमने प्रमुख सचिव के माध्यम से सभी कलेक्टर को एक पत्र जारी कराया है।
कलेक्टर अपने जिले को मॉनीटर करेंगे और उनको लगता है कि कहीं अनियमितता है तो उसकी जांच करें और कार्रवाई करें।
कार्रवाईयां हुई हैं, हो रही हैं और लगातार काम जारी है, इसलिए आगे भी होंगी। कार्रवाई से कोई नहीं बचेगा।
नवनियुक्त शिक्षकों को क्या मिलेगा 100% वेतन
नवनियुक्त शिक्षकों को क्या आने वाले समय में सीधे 100% वेतन मिल सकेगा। इस सवाल पर मंत्री ने जवाब दिया कि इसके लिए वित्त विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग लगातार रिव्यू कर रहे हैं।
Exclusive: कब शुरू होंगे ट्रांसफर, 100% वेतन, स्कूलों की मनमानी और भर्ती विवाद से जुड़े सवालों पर मंत्री के ये जवाब#MPNews #SchoolEducation #MPSchoolEducation #UdayPratapSingh @udaypratapmp @JansamparkMP @schooledump @ra_reporter
पूरी खबर पढ़ें : https://t.co/v3nMA1Ofug pic.twitter.com/G18RFAJ0FD
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) June 20, 2024
वेतन और भत्ते की व्यवस्था वित्त और जीएडी देखता है, तो मैं समझता हूं कि उसमें सीधे हम लोगों के दखल की जरुरत होती नहीं है। वित्त और जीएडी परिस्थिति अनुसार फैसले लेता है।
सरकार के कुल केस में आधे स्कूल शिक्षा विभाग के प्रकरण
भर्ती विवाद से जुड़े प्रश्न पर मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि अकेले शिक्षा विभाग में हजारों न्यायिक मामले लंबित है। सरकार के जो सारे केस हैं, उनमें आधे स्कूल शिक्षा विभाग के हैं।
हम इसे लेकर चिंतित है। बाहर से भी वकील हायर किये हैं। हम चाहते हैं कि कोर्ट के प्रकरणों का निराकरण जल्दी हो। जितनी भी भर्तियां रूकी हैं, मामला लंबित होने या स्टे के कारण ही रूकी हैं।
तब तक कोर्ट से निर्णय नहीं आ जाता, हमारी बाध्यता है कि हम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे।
बच्चों के हित में हुआ निर्णय तो अपील में नहीं जाएगा विभाग
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि बेरोजगार नौजवान को ऐड्रेस करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बेरोजगार बच्चों को समय रहते उनके जॉब मिलना चाहिए।
जिन बच्चों के जॉब कोर्ट में लंबित प्रकरणों के कारण रूके हैं। हमारी पूरी संवेदनाएं उनके साथ है। हम फॉलोअप भी कर रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द निराकरण होकर बच्चों को जॉब मिल सके।
राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि हम इस पूरे मामले को सतर्कता के साथ देख रहे हैं कि यदि कोई निर्णय बच्चों के हित में है तो हम अपील में नहीं जाएंगे। बहुत वैध कारण होने पर ही अपील करेंगे।
स्कूल शिक्षा विभाग की हर भर्ती में विवाद पर ये बोले मंत्री
स्कूल शिक्षा विभाग की हर भर्ती से जुड़े विवाद में अधिकारियों की भूमिका पर मंत्री उदय प्रताप ने कहा कि किसी भर्ती में जब कुछ बच्चों का चयन नहीं हो पाता तो वह कोर्ट चले जाते हैं।
अलग-अलग आधार पर वहां से स्टे ले आते हैं। इसमें डिपार्टमेंट कुछ नहीं कर सकता। कई बार विपरीत निर्णय हो जाते हैं, तब डिपार्टमेंट उसकी अपील करता है।
हालांकि विभाग ये देखता है कि शिक्षण व्यवस्था या बेरोजगार पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है तो हम अपील में नहीं जाएंगे।
ट्रांसफर नीति का निर्णय सीएम लेंगे
शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर उदय प्रताप सिंह ने कहा कि ट्रांसफर से जुड़ी नीति पर मुख्यमंत्री को निर्णय लेना होता है। नीति अनुसार विभाग हमेशा तैयार रहता है।
सरकारी नौकरी में पति पत्नि अलग अलग जगहों पर हैं, कोई बीमार है और भी जो पात्र शिक्षक है जिनकी मदद होनी चाहिए, वो हमारी प्राथमिकता में है। जब भी ट्रांसफर खुलेंगे हम प्राथमिकता के आधार पर मदद करेंगे।