New Vehicle Rules: भोपाल में इसी महीने 6 हजार से ज्यादा वाहन ऑनलाइन रजिस्टर्ड हुए हैं। बता दें की इनमें से सिर्फ 1500 ई-केवायसी वालों के कार्ड बने हैं। जिन मामलों में ई-केवायसी और डिजिटल सिग्नेचर नहीं हैं, उनमें समय लग रहा है।
इस कारण आरटीओ ने नागरिकों से कहा है कि यदि आपने कोई नया वाहन खरीदा है तो शो-रूम पर ई-केवायसी और डिजिटल सिग्नेचर की प्रक्रिया जरूर पूरी करवाएं। ऐसा करने से गाड़ी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 4 दिन में पूरी हो सकेगी।
आईए पहले जानते हैं कि E-KYC और डिजिटल सिग्नेचर है क्या?
E-KYC क्या है?
बैंक और फाइनेंस कंपनियां, अपने ग्राहकों (customers) की पहचान और पता वगैरह का सत्यापन करती हैं। इन कामों के लिए फोटो, पहचान प्रमाण, पता प्रमाण संबंधी डॉक्यूमेंट्स जमा कराती हैं। जब यही काम ऑनलाइन या डिजिटल तरीके से पूरा किया जाता है तो उसे इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी या E-KYC कहते हैं।
E-KYC कराने के लिए डॉक्यूमेंट्स
आधार कार्ड
पासपोर्ट
वोटर आईडी कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
क्या हैं डिजिटल सिग्नेचर?
जिस तरह आपके सामान्य दस्तखत आपकी पहचान को प्रमाणित करते हैं, उसी तरह डिजिटल सिग्नेचर का काम भी आपकी पहचान प्रमाणित करना ही है। बस फर्क यह है कि इंटरनेट के जरिये भेजे जाने वाले डॉक्युमेंट्स के मामले में इन सिग्नेचर का यूज होता है। डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट सरकार की सर्टिफाइंग अथॉरिटी इश्यू करती है। डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट डीएल जैसा कार्ड होता है। इस सर्टिफिकेट में आपकी पहचान साबित करने वाले डेटा होते हैं मसलन आपका नाम, ईमेल, अड्रेस आदि।
इस सिग्नेचर के साथ इंटरनेट के जरिये आप जो भी डॉक्युमेंट भेजते हैं, उसकी विश्वसनीयता बनती है। इस सिग्नेचर के साथ भेजे गए डॉक्युमेंट से भेजने वाला कभी इनकार नहीं कर सकता। यह साइन यह सुनिश्चित भी करता है कि अगर कोई डॉक्युमेंट एक बार डिजिटली साइन हो गया तो फिर उसमें कोई रद्दोबदल या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
डिजिटल हस्ताक्षर की प्रक्रिया
उन्होंने बताया कि डिजिटल हस्ताक्षर के लिए व्यक्ति से संबंधित सभी दस्तावेज लिए जाते हैं। ओटीपी के माध्यम से और वीडियो के माध्यम से सत्यापन होता है। इसके बाद पेन ड्राइव में डिजिटल हस्ताक्षर दिया जाता है। बैंक एटीएम कार्ड से रुपए की निकासी सुरक्षित बनाता है, उसी तरह उसका पासवर्ड भी हस्ताक्षर के गलत उपयोग को रोकता है।
ग्राहकों में जागरूकता की है कमी
ई-केवायसी और डिजिटल सिग्नेचर के प्रति वाहन खरीदारों में जागरूकता की कमी है। आरटीओ में वे ही मामले अटकते हैं, जिन फाइलों को ई-केवायसी और डिजिटल सिग्नेचर के बिना ऑनलाइन कर दिया जाता है। शो-रूम संचालकों को भी चाहिए कि वे वाहन खरीदारों को ई-केवायसी और डिजिटल सिग्नेचर के बारे में बताएं।
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