हाइलाइट्स
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किसान आंदोलन का एमपी में असर।
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150 से ज्यादा किसानों को किया गिरफ्तार।
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फोन करके बुलाया जा रहा थाने।
Farmer Protest: किसान आंदोलन का असर MP में भी देखने को मिला है। रविवार और सोमवार को प्रदेश के करीब 150 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। MP के किसान भी दिल्ली में 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद के आव्हान में अपनी मांगो को लेकर समर्थन दे रहे है। जिसकी वजह से उन्हें अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया जा रहा है।
आपको बता दें, कि राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के शिव कुमार शर्मा (कक्का जी) को भी रविवार को भोपाल में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन आज उनकी चंडीगढ़ में पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा और नित्यानंद राय के साथ मीटिंग है, जिसकी वजह से उन्हें छोड़ दिया गया है। जबकि किसान मजदूर सेना के प्रदेशाध्यक्ष बबलू जाधव को इंदौर के थाने में बैठाकर रखा हुआ है।
भोपाल में 50 से ज्यादा किसानों को लिया हिरासत में
13 फरवरी को दिल्ली में किसान संगठनों के आंदोलन में शामिल होने जा रहे 50 से ज्यादा किसानों को भोपाल में हिरासत में ले लिया गया। किसानों को कर्नाटक एक्सप्रेस से उतारकर हिरासत में लिया गया है। देर रात को सभी किसानों को एक मैरिज गार्डन में रखा गया। सुबह होते ही किसानों ने छत पर पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी और बाद में धरने पर बैठ गए। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
किसान मोर्चा के सीनियर मेंबर की पत्नी घायल
राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमेटी के सीनियर मेंबर बी शांता कुमार चंड़ीगढ़ से भोपाल पहुंचे। यहां पर कर्नाटक एक्सप्रेस से उन्हें भी उतार दिया गया। साथ उनकी पत्नी को भी उतारते समय चोटें आई हैं, उनको जेपी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। यहां पर उन्हें हमीदिया रैफर कर दिया है।
किसानों ने की सरकार की कड़ी निंदा
इंदौर के किसान नेताओं ने कड़ी निंदा करते हुए इस सरकार की हताशा का परिणाम बताया है। गौरतलब है, कि 16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठन और मजदूर संगठन मिलकर ग्रामीण भारत बंद और औद्योगिक हड़ताल की तैयारी कर रहे हैं। व्यापक तैयारी को देखते हुए सरकार अभी से हताश हो गई है और पूरे प्रदेश में किसान नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई है।
प्रदेश के इन किसान नेताओं को किया गिरफ्तार
शिव कुमार कक्का जी को भोपाल में गिरफ्तार किया गया है। आज सुबह संयुक्त किसान मोर्चा के इंदौर के नेता बबलू जाधव के घर पर पुलिस आई और उन्हें थाने लेकर गए और वहीं पर धारा 151 में गिरफ्तार कर लिया।
इंदौर के संयुक्त किसान मोर्चा और उससे जुड़े संगठनों के मध्य प्रदेश में अलग-अलग जिलों में गिरफ्तार किए गए। 150 से ज्यादा किसान नेताओं की गिरफ्तारी की गई।
आज सुबह इंदौर जिला सहित किसान मोर्चा के नेता और भारतीय किसान मजदूर सेना के प्रदेश अध्यक्ष बब्लू जाधव को सांवेर पुलिस घर से चर्चा के लिए बुलाकर ले गई और बाद में गिरफ्तार कर लिया।
संयुक्त किसान मोर्चा (Farmer Protest) की इंदौर इकाई के नेता रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, शैलेंद्र पटेल, चंदन सिंह बड़वाया, लाखनसिंह डाबी किसान संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव दिनेशसिंह कुशवाह के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं को 11 फरवरी को अलग-अलग जिलों में गिरफ्तार किया गया।
जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा रीवा के संयोजक एड शिवसिंह, किसान सभा के जिला महासचिव रामजीत सिंह, शहीद राघवेंद्र सिंह किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह शंखू , अरुण पटेल, एड शिवपाल सिंह, शोभनाथ कुशवाह, संत पटेल को गिरफ्तार कर रीवा जेल भेज दिया गया।
मुलताई में किसान संघर्ष समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष एड. आराधना भार्गव को मुलताई थाना प्रभारी द्वारा गिरफ्तार कर बैतूल जेल भेज दिया गया। भा कि यू के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव को एम पी नगर भोपाल थाना तथा महेंद्र सिंह तोमर को गिरफ्तार कर राजगढ़ थाना लाया गया।
किसान सभा के वरिष्ठ नेता रामनारायण कुरेरिया और उनके साथी अनिल सल्लाम को लखनादौन थाना एवं उनकी पत्नी महिला नेत्री अंजना कुररिया को जबलपुर से गिरफ्तार किया गया है।
एन ए पी एम के राजकुमार सिन्हा को जबलपुर जेल भेजा गया है। ग्वालियर में किसान संघर्ष समिति के जिला उपाध्यक्ष शत्रुघ्न यादव को गिरफ्तार किया गया है।
छिंदवाड़ा में किसान संघर्ष समिति के प्रमुख किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है।
किसानों को फोन करके बुलाया जा रहा थाने
इसी तरह से अलग-अलग जिलों में 150 से ज्यादा किसान नेताओं की गिरफ्तारी की गई है। इंदौर में भी ऐसी ही कोशिश हो रही है और संयुक्त किसान मोर्चा (Farmer Protest) से जुड़े किसान नेताओं को पुलिस द्वारा फोन कर चर्चा के लिए थाने पर बुलाया जा रहा है।
इंदौर के ज्यादातर नेता भूमिगत हो गए हैं। पुलिस द्वारा चर्चा के लिए किसान नेताओं को थाने पर बुलाया जा रहा है और वहीं से सीधे जेल भेजा जा रहा है। सरकार का यह कदम अत्यंत निंदनीय और हताशा तथा तानाशाही का परिचायक है।
मध्य प्रदेश के संयुक्त किसान मोर्चा (Farmer Protest) के साथ 27 किसान संगठन जुड़े हैं और संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसानों और मजदूरों के मुद्दों को लेकर अहिंसात्मक तरीके से आंदोलन किये जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में किसान नेताओं की धारा 151 के तहत गिरफ्तारी की गई है। जो अनावश्यक, अलोकतांत्रिक और संविधान विरोधी है।
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े संगठन नेताओं की मांग
मध्य प्रदेश सरकार किसानों को सभी कृषि उत्पादों की MSP (C-2 + 50%) पर खरीदी की कानूनी गारंटी, सभी किसानों की सम्पूर्ण क़र्ज़ा मुक्ति, किसानों को प्रति माह 10 हजार रुपए पेंशन, राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम वेतन प्रति माह 26,000 रूपये कराने, मजदूर विरोधी चार श्रम संहिता वापस लेने, मनरेगा मजदूरों को 200 रुपए दिन, 600 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी देने, अनावारी की इकाई पटवारी हल्का की जगह किसान का खेत बनाने, आवारा पशुओं से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देने की मांग करते रहे हैं।
इन्हीं मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा और श्रमिक संगठनों के द्वारा 16 फरवरी को किए जा रहे ग्रामीण बंद और औद्योगिक हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं।