MP News: उमरिया जिले के बेलसरा गांव में बने शासकीय सुभाषाचद्र बोस बालिका छात्रावास में मंगलवार को हड़कंप मच गया। छात्रावास में 12 छात्राओं के बेहोश होने की खबर ने सनसनी फैलादी। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा।
महिला अधीक्षक को किया सस्पेन्ड
मामले में कलेक्टर ने एक्शन लेते हुए छात्रावास की महिला अधीक्षक केतकी सिंह को सस्पेन्ड कर दिया। वहीं जल्दी में पहुंचे परिजन अपनी बच्चियों को छात्रावास से घर ले गए। उनका साफ तौर पर कहना है कि जब तक मामला साफ नहीं हो जाता। वो अपनी बच्चियों को छात्रावास नहीं भेजेंगे।
छात्रावास में रहने वाली बच्चियों ने छात्रावास की महिला अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि हॉस्टल में ना ही सुबह का नास्ता दिया जाता है और ना ही सही से दोपहर और रात का खाना। वहीं अगर खाने को दिया जाता है तो सड़े गले फल और कीड़े से भरे चावल। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता को समझते हुए जांच के निर्देश दे दिए हैं।
बच्चियों के बेहोश होने से मचा हड़कंप
जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 7 बजे बच्चियों के बेहोश होने का सिलसिला शुरू हुआ था। देखते ही देखते 12 छात्रायें बेहोंश हो गई थी। घटना की खबर लगते ही वहां हड़कंप मच गया।
काफी देर बाद जब मामले की जानकारी प्रशासन तक पहुंची तो कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने तत्काल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आरके मेहरा और तहसीलदार को घटना स्थल के लिये रवाना किया था।
पहले भी कई बार हुई हैं बेहोश
दरसल जिला शिक्षा केन्द्र के तहत संचालित नेताजी सुभाषचंद्र कन्या छात्रावास बेलसरा में आदिवासी वर्ग की 86 छात्रायें दर्ज हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार छात्रावास मे बच्चियों के बेहोश होने की घटनायें इससे पहले भी कई बार हुई हैं, परंतु हर बार मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।
इस बार एक साथ 12 छात्राओं के बेहोश होने और वार्डन के भाग खड़े होने से बात जरा ज्यादा बढ़ गई। आये दिन बच्चियों के बेहोंश होने को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। जिसे सुन कर अभिभावकों में डर का माहौल पैदा हो गया है।
भर पेट नहीं मिलता था खाना
जब छात्रावास में बच्चियों से बात की गई तो उन्होंने कई खुलासे किये, जिसमें उन्होंने भर पेट खाना ना मिलने की बात कही, तो वहीं रात मे वार्डन के द्वारा झाड़-फूक कराने की भी बात कही।
छात्रावास में रह रही छात्राओं ने छात्रावास अधीक्षक के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया की हम लोगों को अधीक्षक के द्वारा ना ही सुबह का नाश्ता दिया जाता है और ना ही दोपहर और रात का भोजन सही तरीके से दिया जाता है।
छात्रावास अधीक्षक के द्वारा सड़े गले फल फ्रूट एवं दोपहर के भोजन में कीड़े युक्त चावल दाल दिए जाते है। इसके साथ ही रात के खाने में केवल दो रोटी ही दी जाती है।
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