Advertisment

सन्यांसन बनकर धो रही थी पाप, कई कत्ल करने वाली कातिल हसीना

author-image
deepak
सन्यांसन बनकर धो रही थी पाप, कई कत्ल करने वाली कातिल हसीना

गुस्सैल, आंखे निकाल लेनी वाली, 15 लोगों को गोलियों से भून देने वाली वो कातिल हसीना डाकूओं की दुनिया की बादशाह फूलन देवी से बदला लेना चाहती थी। बेतवा नदी के किनारे बसे गांव में कहन बनकर आई, और भून डाला 15 लोगों को, इतना ही नहीं उसने गांव के घरों को आग के हवाले भी कर दिया था। हम उस कातिल हसीना की बात कर रहे है जिसका नाम था डाकू कुसुमा नाइन।

Advertisment

डाकू कुसुमा नाइन इनती क्रूर और खतरनाथ थी कि वो लोगों को मौत की सजा देने से पहले उनकी आंखे निकाल लेती थी। कुसुमा नाइन का जन्म यूपी के जालौन जिले में साल 1964 में हुआ था। कुसुमा के पिता गांव के प्रधान थे, इसलिए बचपन से उसे किसी चीज की कमी महसूस नहीं हुई। धन सपन्न होने के चलते उसे इतना प्यार मिला की वह बहक गई और गांव के ही रहने वाले माधव मल्लाह को दिल दे बैठी। एक दिन दोनों ने मिलकर जीने मरने की कसमें खाई और गांव छोड़कर भाग निकले अपना आशियाना बनाने, लेकिन पिता जो प्रधान ठहरे थे, पुलिस पर दवाब था, सो पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। कुसुमा के घर आते ही पिता ने उसकी शादी कही और करा दी।

फिर शुरू हुई कातिल हसिना की कहानी...

कुसुमा की शादी तो हो गई। वही दूसरी और माधव कुसुमा को भुला नहीं पाया। माधव चंबल के खूंखार डाकू विक्रम मल्लाह की गैंग में शामिल हो गया। कुछ सालों बाद अचानक माधव गैंग के साथ कुसुमा की ससुराल पहुंचता है और उसे अपने साथ उठा ले जाता है। अब कुसुमा मल्लाह गैंग की सदस्य बन चुकी थी। मल्लाह की गैंग में फूल देवी भी सदस्य थी और उसकी धांक भी अच्छी थी, क्योंकि फूलन देवी विक्रम मल्लाह की काफी करीबी थी। कुसुमा के गैंग में आने के बाद से फूलन देवी उसे परेशान करने लगी। इस काम में माधव भी फूलन का साथ देता था। जिसके चलते कुसुमा को फूलन से नफरत होने लगी।

कुसुमा को हुआ डाकू लालाराम से प्यार

इसी बीच कुसुमा को डाकूओं के दूसरे गिरोह के डाकू लालाराम से प्यार हो गया। हालांकि यह एक षड़यंत्र था, कुसुमा को लालाराम की हत्या करने के लिए फूलन देवी ने ही कुसुमा को लालराम से प्यार का नाटक करने के लिए उसके पास भेजा था। कुसुमा को धीरे धीरे सच में लालाराम से प्यार हो गया। और उसकी गैंग में शामिल हो गई। लालाराम ने कुसुमा को बंदूक चलाना सिखाया। वो धीरे-धीरे हथियार चलाने में माहिर होने लगी। उसके और लालाराम के प्यार के चर्चे हर तरफ फैलने लगे। अपहरण, फिरौती, मारपीट, लूट न जाने कितनी ही वारदातों को उसने अकेले ही अंजाम देना शुरू कर दिया।

Advertisment

डाकू विक्रम मल्लाह को मरवाया

कुसुमा का कहर इतना ज्यादा बढ़ने लगा था कि आसपास के गांव लोग उसके नाम से भी घबराते थे। एक बार तो उसने जालौन जिले के एक गांव में जाकर एक महिला और उसके बच्चे को जिंदा जला डाला। कुसुमा की फूलन देवी और विक्रम मल्लाह के खिलाफ नफरत बढ़ती जा रही थी। कुछ समय बाद उसने लालाराम के साथ मिलकर विक्रम मल्लाह और माधव मल्लाह को मुठभेड़ में मरवा दिया।

15 लोगों को गोली से भूना

इसके बाद चंबल के बीहड़ में सिर्फ लालाराम और कुसुमा नाइन का साम्राज्य बचा। 1982 में एकसाथ 22 ठाकुरों को गोलियों से भूनने के बाद फूलन देवी भी आत्मसमर्पण कर देती हैं। इसके साथ ही, पूरे चंबल में कुसुमा नाइन की राह में एक भी रोड़ा नहीं बचता। हालांकि, फूलन देवी और उसके गैंग से उसकी नफरत खत्म नहीं हुई। वो इसका बदला लेती है मईअस्ता गांव में जहां ज्यादातर मल्लाह रहते थे। बात 1984 की है वो इस गांव में जाकर बिल्कुल फूलन देवी के ही अंदाज में यहां के 15 लोगों को गोलियों से भून डालती है।

फक्कड़ बाबा के गिरोह में हुई शामिल

कुसुमा नाइन का कहर बढ़ता ही जा रहा था। वो लालाराम से भी ताकतवर हो गई थी और फिर एक दिन गुस्से में वो लालाराम को भी छोड़ देती है। इसके बाद कुसुमा का अगला ठिकाना था फक्कड़ बाबा का गिरोह। फक्कड़ बाबा का उन दिनों काफी नाम था। फक्कड़ बाबा था तो डाकू, लेकिन अध्यात्म में उसकी रुचि थी। वो कत्ल तो करता था, लेकिन साथ ही पूजा-पाठ भक्ति भाव में भी आगे रहता था। कई डाकू फक्कड़ बाबा को अपना गुरु मानते थे। कुसुमा नाइन भी फक्कड़ बाबा के साथ अपनी ताकत बढ़ाने लगी। साथ ही यहां से उसका ध्यान भी भक्ति-भाव की तरफ बढ़ा।

Advertisment

फक्कड़ बाबा के साथ किया सरेंडर

उसके अपराधों की लिस्ट बढ़ती जा रही थी और पुलिस को उसकी तलाश थी। 1995 में कुसुमा ने एक रिटायर्ड एडीजी हरदेव आदर्श शर्मा का अपहरण किया और 50 लाख की फिरौती मांगी। जब कुसुमा को फिरौती की रकम नहीं मिली तो उसने हरदेव आदर्श को गोली मार कर नहर में बहा दिया। पुलिस कुसुमा नाइन को गिरफ्तार तो नहीं कर पाई, लेकिन कुछ समय बाद उसने और फक्कड़ बाबा दोनों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। कहते हैं कुसुमा नाइन जेल में भी पूजा-पाठ करती रहती है। वो भोले बाबा की भक्त बन गई। जेल में ही उसने राम नाम लिखना सीखा और बाकी कैदियों को भी रामायण की शिक्षा देती है। फक्कड़ बाबा से मिलने के बाद चंबल की ये खतरनाक डाकू पूरी तरह से बदल चुकी है।

Dacoit #dacoits #dacoity asta kand kusuma naine daku chambal daku story chambal lady dacoit kusuma nain daku hasina of chambal daku kusama nain ki kahani daku kusuma 9 daku kusuma 9 ki kahani daku kusuma nain daku kusuma nain ki kahani fakkad aur kusuma nain how kusma nine became a dacoit indian dacoits kusma nine dakait kusum nain daku kusuma dakait kusuma nain kusuma nain biography kusuma nain crime kusuma nain dacoit kusuma nain daku kusuma nain kaun kusuma nain ki kahani kusuma nain story kusuma nain wiki phoolan devi enemy kusuma nain story of kusma nine
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें