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गुरूवार (8 दिसम्बर 2022)को पृथ्वी का पड़ौसी मंगल पास में होगा। इस शाम हमारी पृथ्वी, मंगलग्रह और सूर्य बीच होगी। इस खगोलीय घटना की जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञानप्रसारक सारिका घारू ने बताया कि सीध में आने से इस समय मंगल से हमारी दूरी दो साल की अवधि के लिये सबसे कम होगी। इस कारण मंगल की चमक भी बढ़कर माईनस 1.9 मैग्नीट्यूड हो जायेगी।
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सारिका घारू ने बताया कि यह खगोलीय घटना मार्स एट अपोजीशन कहलाती है। गुरूवार शाम लगभग 6 बजे के बाद जब मार्स क्षितिज से 7 डिग्री उपर आ जायेगा जब पूर्वी आकाश में लाल ग्रह के रूप में उदित होकर सुबह 6 बजे पश्चिम में अस्त होगा।
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सारिका ने बताया कि मंगल की रेगिस्तानी दुनिया को ढ़कने वाली धूल में आयरन ऑक्साइड के कारण यह लाल है। मंगल पर रोवर्स ने जो नमूना लिया उसके आधार पर इसमें लाल, भूरा और नारंगी रंग हैं। पास आने पर इसकी दूरी 5 करोड़ 38 लाख किमी रह सकती है तो दूर जाने पर लगभग 40 करोड़ किमी तक दूर चले जाता है इस कारण इसके आकार में सबसे अधिक अंतर देखा जा सकता है।
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सारिका ने बताया कि इसका प्रकाश पृथ्वी तक आने में 4.5 मिनिट लगेंगे। इसे बिना किसी यंत्र की मदद से खाली आंखों से देखा जा सकेगा। लेकिन अगर आप टेलिस्कोप से देखेंगे तो मंगल के धु्रवीय ध्रुवीय भाग को देखा जा सकेगा। पूर्णिमा के साथ होने वाली इसे देखना मत चूकिये क्योंकि मार्स एट अपोजीशन की अगली घटना 16 जनवरी 2025 को होगी।
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