नारायणपुर से नवेन्द्र नागवंशी की रिपोर्ट। cg naxal internet: जिस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कभी आतंक की वजह पुलिस थाना को ही बंद करना पड़ा था। आज उसी थाना क्षेत्र में लोगों के बीज विश्वास की घंटी बजने लगी है, जिससे ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही है। यहां मोबाइल टावर लगने के बाद एक कॉल पर ही गांव की दहलीज पर सरकारी एंबुलेंस पहुंच रही है।
गांव में मोबाइल की घंटी
हम बात कर रहे हैं अबूझमाड़ के कोहकामेटा गांव की। यहां अब गांव में मोबाइल की घंटी सुनाई देने लगी है। आजादी के बाद पहली बार इस नक्सल प्रभावित गांव में ग्रामीण इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। इससे पहले यहां टावर न होने के कारण ग्रामीणों के लिए यहां इंटरनेट और मोबाइल कॉलिंग जैसी सुविधा नहीं मिल पा रही थी।
गांव से ही फोन कांलिग की सुविधा
अब भारत देश को अंग्रेजों से मिली आजादी के बाद पहली बार गांव से ही कांलिग की सुविधा पाकर ग्रामीणों के चेहरे खिले हुए हैं। जिला और पुलिस प्रशासन की पहल पर अंदरूनी इलाके में मोबाइल का टावर लगाया गया है। नक्सल मोर्चे में तैनात अर्धसैनिक बल के जवान अब अपने परिवार से वीडियो कॉलिंग कर बात कर रहे हैं।
एक कॉल में सरकारी एंबुलेंस
वहीं ग्रामीणों को स्वास्थ सेवा का लाभ लेने के लिए काफी सहूलियत मिल रही है। एक कॉल में सरकारी एंबुलेंस की सुविधा गांव तक पहुंचने लगी है। आजादी के बाद इंटरनेट की आजादी मिलने से युवाओं के सपनों को पंख लग रहे हैं। सरकारी नौकरी के लिए घर में बैठकर ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं।
पुलिस थाना बंद करना पड़ा था
यह वही कोहकामेटा गांव है, जहां नक्सलियों के बढ़ते आतंक की वजह से पुलिस थाना को बंद करना पड़ा था। जिसके बाद पुनः पुलिस थाना की स्थापना करने के बाद छत्तीसगढ़ का सबसे अव्वल दर्जे का पुलिस थाना बनने का गौरव प्राप्त हुआ है।
फोर्स की पहुंच अंदरूनी इलाकों तक
अब नारायणपुर में फोर्स की पहुंच अंदरूनी इलाकों में होने के चलते अबूझमाड़ के लोगों में विश्वास पैदा हो रहा है। मूलभूत सुविधाओं से वंचित गांव में विकास कार्य शुरू हो चुका है। स्कूल भवनों के साथ 25 लड़के बनने से ग्रामीणों को बड़ी राहत मिल रही है।
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