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पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को कहा कि अगर पुलिस जमीन हड़पने की घटनाओं को हल्के में नहीं लेती तो राज्य सरकार को इनकी जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन नहीं करना पड़ता। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 साल पहले संबंधित थानों में जमीन हथियाने के कुछ मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें हल्के में लिया। सावंत ने कहा, “इन शिकायतों को नियमित शिकायतों की तरह लिया जा रहा था, यही वजह है कि हमें उनकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (भूमि) गठित करना पड़ा। राज्य में 15 साल पहले जमीन हथियाने की शुरुआत हुई थी।”
मुख्यमंत्री ने यहां के निकट पोरवोरिम में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अवसर पर राज्य के सचिवों और विभिन्न विभागों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए यह बात कही। सावंत ने कहा कि फाइलों को आगे बढ़ाने में देरी भी सरकार विरोधी रवैया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी अधिकारी दावा करते हैं कि वे भ्रष्ट नहीं हैं, लेकिन वे फाइलों को आगे बढ़ाने में देरी करते हैं और ऐसा करके वे राज्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार भी उतना ही भ्रष्ट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि अधीनस्थ कर्मचारी समय पर अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, तो 99 प्रतिशत मामले वरिष्ठों तक नहीं पहुंचेंगे और लोगों को मंत्रियों से संपर्क नहीं करना पड़ेगा।
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