गुरु नानक जयंती के पावन अवसर पर संत प्रेमानंद महाराज ने कहा — “श्री गुरु नानक साहेब सिर्फ एक पंथ के नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए हैं।”
उन्होंने कहा कि गुरुजन किसी एक धर्म या समाज की स्थापना ज़रूर करते हैं, लेकिन उनके वचन पूरे संसार के जीवों के कल्याण के लिए होते हैं।
महाराज ने गुरु नानक देव जी की वाणी का सार बताते हुए कहा — “भजो आनंदी संत, और सेवा को खूब नाप-जोख से करो।”
उन्होंने समझाया कि गुरु नानक देव जी का संदेश सीमाओं से परे है — वह प्रेम, भक्ति और सेवा का प्रतीक है।
यह जयंती सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि मानवता को जोड़ने वाली एक प्रेरणा है।
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