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Nazi Germany Crimes : जर्मनी की एक अदालत में इतिहास का सबसे बड़ा फैसला सुनाया गया है। अदालत ने एक 97 साल की बुजुर्ग ​महिला को एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे के पूरे 10 हजार 505 लोगों की हत्या के मामले में दोषी करार दिया है। अदालत ने टाइपिस्ट का काम करने वाली इर्मगार्ड फर्चनर को दोषी करार दिया है। वह जर्मनी के समय में सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रही थी। नाजियों द्वारा किए गए अपराधों के मामले में वह पहली महिला दोषी साबित हुई है। उन्हें स्टेफॉथ से गिरफ्तार किया गया था।
अदालत ने बीते दो साल पहले उन्हें निलंबित जेल की सुजा सुनाई थी। उस समय वह एक शिविर में वर्कर थी, और उस दौरान 65 हजार लोग मारे गए थे। दरसअल, स्टेथॉफ के शिविरों में 65,000 लोग मारे गए थे। इर्मगार्ड स्टेथॉफ शिविर में मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर मुहर लगाने का काम करती थी। जिनमें गैर-यहूदी कैदी और कुछ सोवियत सैनिक थे। अमेरिका स्थित होलोकॉस्ट म्यूजियम के मुताबिक, स्टैथॉफ में कैदियों को मारने के लिए अलग अलग तरीके अपनाए जाते थें, जिनमें गैस चैंबर में रखा जाता था। इन चैंबर्स में Zyclone B गैस का इस्तेमाल किया गया था।
1944 में हुआ था ट्रायल
जून 1944 से इन कैदियों का ट्रायल किया गया था। इर्मगार्ड उस वक्त अपने रिटायरमेंट होम से भाग गई थी। इसके बाद पुलिस ने उसे हैम्बर्ग की एक गली में पकड़ लिया। उन्हें कई हत्याओं में मदद करने वाला माना जाता है। स्टेथॉफ में गैर-यहूदी कैदियों के अलावा, सबसे बड़ी संख्या पोलैंड के वारसॉ और बेलस्टॉक और बाल्टिक देशों के नाजी कब्जे वाले हिस्सों के यहूदी थे। जर्मनी ने कहा है कि नाजी राज में हुए अपराधों के दोषियों को सबसे कड़ी सजा दिलाने के प्रयास किए गए हैं।
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