Aaj Ka Mudda: मौसम की तरह अब मध्यप्रदेश में सियासत भी रूप बदलने वाली है। सियासी सरगर्मी के बाद अब मानसून दस्तक देगा और नेताओं के दौरों की बरसात होगी। इसकी शुरुआत अमित शाह के दौरे से हो रही है तो इधर कांग्रेस भी अंदरखाने ही अपनी तैयारियों में जुटी है। नेताओं के दौरों के क्या मायने है। जानिए
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मध्यप्रदेश में मानसून के साथ अब सियासी मानसून भी दस्तक देने वाला है और जल्द ही केंद्रीय नेताओं के दौरों की बौछार भी तेज हो जाएगी। 22 जून को अमित शाह के बालाघाट दौरे के बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मध्यप्रदेश दौरे पर आएंगे। नड्डा सत्ता और संगठन की चुनावी तैयारी का फीडबैक लेंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एमपी दौरे की तैयारियों का भी जायजा लेंगे।वहीं, 27 जून को पीएम मोदी वंदे भारत भारत की सौगात देंगे तो शहडोल से आदिवासी वोटर्स को भी साधते नजर आएंगे यानी कुल मिलाकर बीजेपी ने चुनावी गेम को नेक्सट लेवल पहुंचा दिया है।
सिर्फ बीजेपी ही नहीं कांग्रेस की भी तैयारिया नेक्सट लेवल पर पहुंच चुकी है। एक तरफ राहुल गांधी की टीम मध्यप्रदेश में डेरा डाल चुकी है और सभी सीटों का सर्वे करने के बाद राहुल को सौंपेगी तो इधर कांग्रेस के नेता भी दिल्ली दौड़ में लगे हैं और केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर जीत का मंत्र ले रहे हैं। कांग्रेस की जो भी तैयारी हो उसने बीजेपी के दिग्गजों के दौरे पर तंज कसने का मौका नहीं छोड़ा।
2018 चुनाव का सबक दोनों पार्टियों को याद है। शायद यही वजह है कि दोनों पार्टियों का प्रदेश और केंद्रीय स्तर का नेतृत्व, पूरी ताकत झोंक देना चाहता है जिससे यकीनन 2024 के आम चुनाव की राह भी आसान होगी।
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