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Zimbabwe Elephant Culling
Zimbabwe Elephant Culling: अफ्रीकी देश इस समय भयंकर सूखे की मार झेल रहे हैं। जिम्बॉब्वे की बात की जाए तो अभी वहां 40 सालों का सबसे भयानक सूखा पड़ा है। इस भयंकर सूखे के कारण फसल हो नहीं रही है। इससे वहां के रहने वाले लोग भूख से तड़प रहे हैं।
इंसानों का पेट भरने के लिए सरकार ने इंसानों को मांस खिलाने के लिए 200 हाथियों को मारने का आदेश (Zimbabwe Elephant Culling) दे दिया है। आपको बता दें कि ये खासकर ये आदेश उन समुदायों के लिए है जो भयानक भूख से तड़प रहे हैं।
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इस बात का खुलासा जिम्बॉब्वे की वाइल्डलाइफ अथॉरिटी ने किया है। जिम्बॉब्वे में चार दशकों का सबसे भयानक सूखा अभी फैला हुआ है। सूखे के कारण फसलें खत्म हो जाने के कारण वहां के निवासियों के पास खाने को नहीं है, इसलिए यहां की वाइल्डलाइफ अथॉरिटी ने फैसला किया है कि वो 200 हाथियों (Zimbabwe Elephant Culling) को मारेंगे और उनके मांस को इंसानों को खाने के लिए दिया जाएगा। आइए हम आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं।
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भुखमरी में हालात हो रहे खराब
जिम्बाब्वे में भुखमरी और सूखे की विकट स्थिति के कारण जानवरों (Zimbabwe Elephant Cull) के शिकार में बढ़ोतरी हो रही है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि देश की लगभग आधी आबादी भुखमरी की चपेट में है। CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिम्बाब्वे पार्क एवं वाइल्डलाइफ अथॉरिटी के प्रवक्ता तिनशे फरावो ने पुष्टि की है कि सरकार ने 200 हाथियों को मारने का प्लान बनाया है।
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यह निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि भोजन की गंभीर कमी को पूरा किया जा सके और लोगों का पेट भरा जा सके। जानवरों की हत्या को लेकर यह फैसला विवादास्पद है और इससे वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी चिंताएं भी बढ़ी हैं, क्योंकि यह न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि जीवों के अस्तित्व पर भी संकट पैदा कर सकता है।
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नामीबिया में मारें गए कई हाथी (Zimbabwe Elephant Culling)
जानकारी की मानें तो पिछले महीने नामीबिया में भी 83 हाथियों (Elephant Population Control) को मारकर उनका मांस भूखे इंसानों को खिलाया गया था। जिम्बाब्वे की तरह नामीबिया (Elephant News) में भी भुखमरी की समस्या को कम करने की कोशिश की गई थी। अफ्रीका के पांच प्रमुख इलाकों—जिम्बाब्वे, जांबिया, बोत्सवाना, अंगोला, और नामीबिया में 2 लाख से ज्यादा हाथी रहते हैं, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा हाथियों की आबादी का हिस्सा हैं।
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हालांकि, अफ्रीका में हाथियों की संख्या काफी बड़ी है, लेकिन इनकी हत्या और शिकार को लेकर पर्यावरणविद और वन्यजीव संरक्षण संगठन चिंतित हैं, क्योंकि यह हाथियों के अस्तित्व पर संकट खड़ा कर सकता है और पारिस्थितिकीय संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
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मारने से रहती है हाथियों आबादी कंट्रोल (Zimbabwe Elephant Culling)
जिम्बाब्वे पार्क और वाइल्डलाइफ अथॉरिटी (Wildlife Management) के प्रवक्ता तिनाशे फरावो ने कहा कि हाथियों को मारने से उनकी आबादी नियंत्रित रखने में मदद मिलती है, जिससे जंगलों में भीड़ कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि देश के जंगलों की क्षमता केवल 55,000 हाथियों को संभालने की है, जबकि इस समय 84,000 से अधिक हाथी वहां मौजूद हैं।
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तिनाशे के अनुसार, 200 हाथियों को मारना आबादी के संतुलन के लिए आवश्यक है और इसका प्रभाव हाथियों की कुल संख्या पर बहुत कम होगा, इसे "समंदर में से एक बूंद निकालने" जैसा बताया गया है। हालांकि, यह तर्क विवादास्पद है, क्योंकि वन्यजीव संरक्षण और हाथियों की हत्या को लेकर नैतिक और पर्यावरणीय चिंताएं लगातार बनी हुई हैं।
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