International Yoga Day 2024: हर साल 21 जून को विश्व अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तौर पर मजबूर बनता है। योग शब्द संस्कृत शब्द ‘युज’ से निकला था। इस युज शब्द का अर्थ ‘जोड़ना’ या एकजुट करना है।
योग शरीर और मन को एकीकृत करने के लिए किया जाता है। हर साल विश्व अंतराष्ट्रीय योग दिवस को योगा के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
आज के समय में बीजी लाइफस्टाइल के चलते लोग शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं। इतना ही नहीं गलत खानपान की वजह से महिलाओं में गंभीर स्वास्थ समस्या बढ़ रहीं हैं। ऐसे में कई बार योग इन बीमारियों का सही इलाज करने में सक्षम होते हैं।
महिलाओं में बढ़ती PCOD की समस्या
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) एक हार्मोनल विकार है जिसमें महिलाओं की अंडाशय (ओवरी) में छोटे-छोटे सिस्ट्स (गांठें) बन जाती हैं। इसके कारण महिलाओं में मासिक धर्म (periods) अनियमित हो सकता है।
चेहरे पर या शरीर पर अत्यधिक बाल उग सकते हैं, वजन बढ़ सकता है, और प्रजनन समस्याएं हो सकती हैं। PCOD के कारण महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है।
इस समस्या का इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव, वजन घटाना, दवा और कभी-कभी हार्मोनल थैरेपी के माध्यम से किया जा सकता है।
बद्धकोणासन (Badhakonasana)
जमीन पर चटाई बिछाकर बैठ जाएं और पैरों को सामने की ओर फैलाएं।
अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों के तलवों को एक साथ मिलाकर जितना हो सके पास लाएं।
हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ें और अपनी रीढ़ को सीधा रखें।
धीरे-धीरे घुटनों को जमीन की ओर दबाएं, बिना किसी जोर के।
इस मुद्रा में कुछ समय तक रुकें और धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
भारद्वाजासन (Bharadvaja’s Twist)
दंडासन (Staff Pose) में बैठें और दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें, फिर दाएँ कूल्हे के बगल में रख लें।
दाएँ पैर को बाएँ जांघ के ऊपर रखें।
श्वास लें और रीढ़ को सीधा करते हुए बाएँ हाथ को दाहिनी जांघ के बाहर रखें।
दाएँ हाथ को पीठ के पीछे ले जाएँ और श्वास छोड़ते हुए धीरे-धीरे दाहिनी ओर मुड़ें।
20-30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें, फिर श्वास छोड़ते हुए प्रारंभिक स्थिति में लौट आएँ और दूसरी तरफ से दोहराएं।
भुजंगासन (Cobra Pose)
पेट के बल लेट जाएं, पैर सीधे रखें और पंजे पीछे की ओर हों।
हाथों को कंधों के नीचे रखें, कोहनियों को शरीर के पास रखें।
गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सिर, छाती और पेट को उठाएं, नाभि तक।
कंधों को पीछे की ओर खींचते हुए गर्दन को लंबा करें और नज़रें ऊपर की ओर रखें।
इस मुद्रा में 15-30 सेकंड रुकें, फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौटें।
PCOD की समस्या में मिलेगा लाभ
पीसीओडी (पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज) समस्या में योग जरूरी हैं। नियमित योगाभ्यास से हार्मोनल संतुलन में सुधार होता है, जिससे पीरीयड्स नियमित होते हैं। योग से तनाव और चिंता में कमी आती है, जो पीसीओडी के लक्षणों को कम करने में मददगार होता है।
प्राणायाम और ध्यान जैसी एक्टिविटी से मानसिक शांति मिलती है, जिससे शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ता है। योगासनों से पेट और श्रोणि क्षेत्र में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे ओवरी में सिस्ट की समस्या कम हो सकती है। इस प्रकार, योग पीसीओडी में एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है।