DELHI:प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के केस में यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट ने सेक्शन 121 के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई है। दिल्ली की NIA कोर्ट ने सजा को लेकर फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि NIA ने यासीन मलिक को सजा ए मौत देने की मांग की थी। सजा के ऐलान से पहले कोर्टरूम के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी।
कौन-कौन सी लगीं हैं धाराएं
स्पेशल जज ने यासीन पर आईपीसी धारा 120 बी के तहत 10 साल, 10हजार जुर्माना। 121ए के तहत 10 साल की सजा 10 हजार जुर्माना वहीं 17UAPA के तहत आजीवन कारावास और 10 लाख जुर्माना लगाया गयाा है। UAPA की धारा 13 के तहत 5 साल की सजा, UAPA की धारा15 के तहत 10 साल की सजा, UAPA की धारा 18 के तहत 10 साल की सजा और 10 हजार जुर्माना, UAPA की धारा 38 और 39 के तहत 5 साल 5 हजार जुर्माना लगाया गया है।
UPDATES-
-यासीन मलिक को सेक्शन 121 के तहत उम्रकैद की सजा
-यासीन मलिक पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है
कोर्ट ने ठहराया दोषी
कोर्ट ने माना है कि मलिक ने ‘आजादी’ के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था। NIA ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मामले में 30 मई 2017 को केस दर्ज किया था। इस मामले में एक दर्जन के अधिक लोगों के खिलाफ 18 जनवरी 2018 को चार्जशीट फाइल की गई थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कोर्ट में कहा था, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान की आईएसआई के समर्थन से नागरिकों और सुरक्षाबलों पर हमला करके घाटी में बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया।
यासीन मलिक ने गुनाह किया कबूल
यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा था कि वह यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी गतिविधि), 17 (आतंकवादी गतिवधि के लिए धन जुटाने), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश रचने), व 20 (आतंकवादी समूह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) व 124-ए (देशद्रोह) के तहत खुद पर लगे आरोपों को चुनौती नहीं देना चाहता.
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