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भोपाल। जीवाजीराव सिंधिया और विजयाराजे सिंधिया की सबसे छोटी बेटी यशोधरा राजे सिंधिया को मध्य प्रदेश में कौन नहीं जानता। वो वर्तमान में शिवपुरी से विधायक हैं और वर्तमान सरकार में खेल एवं युवा कल्याण और तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार मंत्रालय में मंत्री हैं। हालांकि फिर भी जिस तरह से उनके भतीजे ज्योतिरादित्य सिंधिया और बड़ी बहन वसुन्धरा राजे सिंधिया का राजनीतिक जिक्र होता है, उतना इनका नहीं होता। ऐसे में आज हम यशोधरा राजे सिंधिया की जीवनी को थोड़ा सा खंगालेंगे और जानने की कोशिश करेंगे की आखिर असल जीवन में उनकी कहानी क्या है?
उनका जन्म लंदन में हुआ था
यशोधरा का जन्म 19 जून 1954 को लंदन में हुआ था। हालांकि वो भारत में ही पली-बढ़ी हैं। साल 1977 में उनकी शादी कार्डियोलॉजिस्ट सिद्धार्थ भंसाली के साथ हुई और शादी के बाद वो उनके साथ अमेरिका चली गई। यही कारण है कि लोग सिद्धार्थ भंसाली को अमेरिकी समझ बैठते हैं। उन्हें लगता है कि सिंद्धार्थ पहले से ही अमेरिका में रहते थे और शादी के बाद यशोधरा राजे को लेकर भारत से गए थे। परंतु यहां कहानी में ट्विस्ट है।
शादी के बाद अमेरिका चल गई थी
सिद्धार्थ अमेरिका के नहीं बल्कि मुंबई के रहने वाले थे, वह शादी के बाद अमेरिका गए थे। यशोधरा से उनकी मुलाकात भी मुंबई में ही हुई थी। दोनों जब एक दूसरे से मिले तो प्यार हुआ और जब प्यार हुआ तो शादी बात आई। लेकिन ये शादी शाही परिवार के परंपराओं के अनुसार नहीं हो सकती थी। क्योंकि सिद्धार्थ किसी राजघराने से नहीं आते थे और इस कारण से सिंधिया राजघराना शादी को लेकर तैयार नहीं था। शादी को लेकर विरोध होता देख यशोधरा राजे बगावत पर उतर आईं और जिद पर अड़ गईं। अंत में उनके बड़े भाई माधवराव सिंधिया और उनकी मां विजयाराजे सिंधिया शादी के लिए तैयार हो गए।
ऐेसे हुई थी मुलाकात
सिद्धार्थ भंसाली और यशोधरा राजे की मुलाकात भी अजीबो गरीब तरीके से हुई थी। दरअसल, देश में आपातकाल लगने के बाद सरकार ने ग्वालियर राजघराने की राजमाता विजायाराजे सिंधिया को जेल में बंद कर दिया था। वहीं ग्वालियर के तत्कालीन महाराज माधवरव सिंधिया सरकार की नाराजगी से बचने के लिए अपने ससुराल नेपाल चले गए थे। इस दौरान सिंधिया रियासत की पुरी जिम्मेदारी वसुंधरा और यशोधरा राजे सिंधिया के कंधो पर आ गई। यशोधरा, राजवंश के घोड़ों की देखभाल के लिए मुंबई में शिफ्ट हो गईं। इसी दौरान रेसकोर्स पर उनकी मुलाकात मुंबई के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर किरीटलाल के इकलौते बेटे सिद्धार्थ भंसाली से हुई।
विजयाराजे सिंधिया ने भी की थी पुष्टि
यशोधरा के बागी तेवर की पुष्टि खुद विजयाराजे सिंधिया ने भी की थी। उन्होंने अपनी बायोग्राफी में लिखा था कि, यशोधरा घर की सबसे छोटी और लाड़ली थी इस वजह से उसे मनचाही चीज हासिल करने की आदत सी बन गई थी। उसने माधवराव और मुझे साफ कर दिया था कि शादी करूंगी तो बस सिद्धार्थ से, नहीं तो आजीवन कुंआरी ही रहूंगी।
ऐसे हुई राजनीति में एंट्री
आखिरकार राजमाता और माधवराव सिंधिया को उनके जिद के आगे झुकना पड़ा था और 1977 में एक सिम्पल समारोह में उनकी शादी हुई। शादी के बाद भंसाली यशोधरा को लेकर अमेरिका शिफ्ट हो गए। कई सालो बाद मां के कहने पर आखिरकार 1994 में यशोधरा वापस भारत लौटी और अपनी मां और बहन की तरह सक्रिय राजनीति में कूद पड़ीं। उन्होंने भाजपा का दामन थामा और साल 1998 में पहली बार चुनाव जीत कर वह मध्य प्रदेश विधानसभा की सदस्य बनीं।