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Yashasvi Jaiswal: टेस्ट डेब्यू पर शतक लगाने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज बने यशस्वी जायसवाल, रिकॉर्ड के बाद क्या-क्या बोले यशस्वी जायसवाल

Test Series 2023: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल ने पहले ही मैच में दमदार पारी खेलकर इतिहास रच दिया है।

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Bansal news
Yashasvi Jaiswal: टेस्ट डेब्यू पर शतक लगाने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज बने यशस्वी जायसवाल, रिकॉर्ड के बाद क्या-क्या बोले यशस्वी जायसवाल

Test Series 2023: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल ने पहले ही मैच में दमदार पारी खेलकर इतिहास रच दिया है। वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में डेब्यू करते हुए 21 साल के इस बैटर ने रिकॉर्ड तोड़ बल्लेबाजी की। डेब्यू टेस्ट की पहली पारी में शतक जमाते हुए उन्होंने 91 साल के भारतीय टेस्ट इतिहास को बदल दिया। वह भारत के तीसरे ओपनर और कुल 17वें भारतीय बने जिनके नाम खास उपलब्धि जुड़ी।

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बीसीसीआई ने सोशल मीडिया पर यशस्वी जायसवाल का एक वीडियो डाला है। इसमें 21 साल का यह बैटर काफी इमोशनल है। मूलत: उप्र के रहने वाले यशस्वी को मुंबई में काफी संघर्ष करना पड़ा।

यशस्वी की हर कोई तारीफ कर रहा है और उन्हें भारतीय टीम का भविष्य का सितारा बता रहा है। इस युवा खिलाड़ी की इस सफलता के पीछे एक मार्मिक कहानी है। बेहद छोटी उम्र में यशस्वी को कड़ा संघर्ष करना पड़ा तब जाकर वह तोप बल्लेबाज बने। उत्तर प्रदेश के जौनपुर से क्रिकेटर बनने का सपना संजोए मायानगरी कही जाने वाली मुंबई पहुंचे तो कई रातें आजाद मैदान के टेंट में गुजारनी पड़ी।

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उन्हें गोल-गप्पे तक बेचने पड़े थे। यशस्वी ने कहा कि यह क्षण मेरे और मेरे परिवार के लिए बेहद इमोशनल था। यह लंबा सफर रहा है। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी किसी भी तरह से मदद की है।

यह शतक माता-पिता को समर्पित है, मेरी लाइफ में उनका बड़ा योगदान है।

https://twitter.com/BCCI/status/1679650321176338432?s=20

यह सिर्फ शुरुआत है

पदार्पण टेस्ट में शतक जड़ने से खुश भारतीय सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने कहा कि यह तो बस ‘शुरुआत’ है और वह अपने करियर को काफी आगे तक ले जाना चाहेंगे।

इस जायसवाल ने खुलासा किया कि वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरुआती टेस्ट से पहले कप्तान रोहित शर्मा के शब्दों ने उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।

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यह 21 साल का खिलाड़ी तीसरे दिन की समाप्ति पर 143 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद है जिससे भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी बढ़त को 162 रन तक पहुंचा दिया।

जायसवाल ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ यह तो सिर्फ मेरे करियर का आगाज है। कोशिश करूंगा कि कितना लंबा लेकर जा सकूं।’’ इस युवा बल्लेबाज ने  215 गेंद में अपना शतक पूरा किया और इस दौरान रोहित ने उनका शानदार तरीके से साथ दिया। दोनों ने पहले विकेट के लिये 229 रन की साझेदारी की।

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यह टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की ओर से पहले विकेट के लिए सबसे बड़ी साझेदारी थी। इससे पहले यह रिकॉर्ड वीरेंद्र सहवाग और वसीम जाफर के नाम था। इस जोड़ी ने 2006 ग्रोस आइलेट टेस्ट में 159 रन की साझेदारी की थी।

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जायसवाल ने कहा, ‘‘बल्लेबाजी के दौरान मैं रोहित से लगातार बात कर रहा था वह मुझे समझा रहे थे कि इस विकेट पर किस तरह से बल्लेबाजी करनी है और कैसे रन निकालने है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच अच्छा कम्युनिकेशन था। वह मैच से पहले भी मेरा हौसला बढ़ा रहे थे, वह कह रहे थे कि मैं अच्छा कर सकता। मैं भी इस बारे में सोच रहा था कि मुझे कैसे रन बनाना है और मानसिक तैयारी कैसी रखनी है। मैंने काफी कुछ सीखा है और इसे जारी रखने की कोशिश करुंगा।’’

जायसवाल की अब तक की यात्रा रही काफी प्रेरणादायी  

जायसवाल की अब तक यात्रा काफी प्रेरणादायी रही है। उनके परिवार ने उत्तर प्रदेश से मुंबई पलायन किया, जहां इस खिलाड़ी ने क्रिकेट में अपनी पहचान बनानी शुरू की।

अंडर-19 और फिर आईपीएल में प्रभावित करने के बाद जायसवाल को चोटिल लोकेश राहुल की जगह टीम में मौका मिला। शुभमन गिल के बल्लेबाजी क्रम में तीसरे स्थान पर आने का फैसला करने के बाद जायसवाल ने रोहित के साथ भारतीय पारी का आगाज किया।

उन्होंने इस मौके को पूरी तरह से भुनाया और पदार्पण पर शतक जड़ने वाले 17वें भारतीय बल्लेबाज बनें। वह अपनी नाबाद 143 रन की पारी के साथ ही पदार्पण पर एशिया से बाहर सबसे बड़ी पारी खेलने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गये। उन्होंने इस मामले में पूर्व कप्तान और दिग्गज सौरव गांगुली ( इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 131 रन) को पीछे छोड़ा।

यशस्वी बोले- डेब्यू सेंचुरी माता-पिता को समर्पित

जायसवाल ने कहा, ‘‘ मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। मेरे लिए यह भावनात्मक क्षण है। मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं। मैं अभी नाबाद हूं और खेलना जारी रखना चाहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह शतक अपने माता-पिता को समर्पित करना चाहूंगा।

मेरी जिंदगी में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है और भगवान भी है। मै अभी ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहूंगा, यह सिर्फ शुरुआत है और मैं इसे जारी रखना चाहता हूं।’’ जायसवाल ने प्रथम श्रेणी में 26 पारियों में 80 के औसत 1,845 रन बनाये है। उन्होंने इस दौरान नौ शतक जड़े है। लिस्ट ए  (50 ओवर का घरेलू क्रिकेट) में उनके नाम दोहरा शतक भी है।

बेटे की पारी से गदगद होकर कांवड़ यात्रा पर निकले पिता

पहले ही मैच में बेटे के शतक से खुश यशस्वीजायसवाल के पिता भूपेंद्र जायसवाल आज कांवड़ यात्रा पर बाबा धाम जा रहे हैं। उनकी दिली इच्छा है कि उनका बेटा इस शतक को दोहरे शतक में बदले।

https://twitter.com/BhadohiWallah/status/1679722783574732801?s=20

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