Corona Virus Bioweapon: जिस खतरनाक त्रासदी ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया था वहीं पर उसी काले कोरोनावायरस महामारी को लेकर चीन के वुहान से चौंका देने वाला खुलासा सामने आया है। यहां पर चीन ने एक बार फिर कायराना हरकत दिखाते हुए अपने बायोवेपन के तौर पर कोरोनावायरस को हथियार बनाया था। यह दावा वुहान लैब में काम करने वाले एक रिसर्चर ने किया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले रिसर्चर
यहां पर इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन को दिए एक इंटरव्यू में रिसर्चर चाओ शाओ ने कहा- ‘मुझे और मेरे साथियों को टेस्टिंग के लिए वायरस के 4 स्ट्रेन्स दिए गए थे, जिससे ये पता चल सके कि कौन सा स्ट्रेन सबसे ज्यादा संक्रामक है।’यहां पर इस जांच का मकसद ये जानना था कि कौन सा स्ट्रेन सबसे जल्दी और सबसे प्रभावी तरह से इंफेक्शन फैला रहा है। साथ ही कौन सा स्ट्रेन इंसानों पर सबसे ज्यादा असरदार है।
आगे खुलासा करते हुए बताया कि, ‘2019 के मिलिट्री वर्ल्ड गेम्स के दौरान हमारे कुछ रिसर्चर्स साथी लापता हो गए थे। बाद में उनमें से एक ने बताया था कि हमें अलग-अलग देशों से आए खिलाड़ियों की हाइजीन कंडीशन्स चेक करने के लिए होटल भेजा गया था।’खिलाड़ियों के हेल्थ चेक-अप के लिए वायरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं होती है। दरअसल, इन लोगों का असली टारगेट कोरोना फैलाना था।चाओ को असल में या तो कोरोना फैलाने या फिर इंसानों पर ये कैसे रिएक्ट करता है, ये देखने के लिए भेजा गया था।
पहले संक्रमण की चपेट में आए थे तीन वैज्ञानिक
यहां पर कोरोना काल में अमेरिकी रिपोर्ट के हवाले से भी दावा सामने आया था कि, कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से ही लीक हुआ था और बाद में इसने पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया। जिसके पहले संक्रमण के चपेट में वुहान लैब के तीन वैज्ञानिक 3 वैज्ञानिक बेन हू, यू पिंग और यान झू थे। जिसमें से एक की मौत हो गई थी।
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