Advertisment

आज का मुद्दा: झीरम के जख्म.. कितने भरे.. कितने हरे ? 10 साल से न्याय का इंतजार

झीरम घाटी हमले के उन जख्मों की जो आज भी भरे नहीं है बल्कि वैसे ही हरे हैं जैसे नक्सलियों ने लगाए थे........

author-image
Bansal News
आज का मुद्दा: झीरम के जख्म.. कितने भरे.. कितने हरे ? 10 साल से न्याय का इंतजार

Aaj Ka Mudda: झीरम घाटी हमले के उन जख्मों की जो आज भी भरे नहीं है बल्कि वैसे ही हरे हैं जैसे नक्सलियों ने लगाए थे। पिछले 10 सालों में अगर इस मुद्दे कुछ हुआ है वो है राजनीति। झीरम हमले के पीछे आखिर किसकी साजिश थी। इस सवाल का जवाब क्या कभी मिल पाएगा।

Advertisment

यह भी पढ़ें... Bageshwar Dham Sarkar: धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को मिली वाई-श्रेणी सुरक्षा, जानिए क्या होती है वाई श्रेणी सुरक्षा

25 मई 2013, ये तारीख छत्तीसगढ़ में कोई नहीं भूल सकता। कांग्रेस के लिए ये काले दिन की तरह है। नक्‍सल प्रभावित सुकमा के झीरम घाटी में 10 साल पहले नक्सलियों ने देश के दूसरे सबसे बड़े नक्सली हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं समेत कुल 32 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई लेकिन 10 बरस बीत जाने के बाद भी पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सका है लेकिन मामले में सियासत पहले दिन से होने लगी थी, जो आज तक जारी है। हालांकि, सीएम भूपेश कह रहे हैं कि, हमारे लिए भावनात्मक मामला है।

झीरम कांड के समय प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी। इसकी जांच भी करवाई गई। कांग्रेस ने झीरम जांच को लेकर कई वादे और दावे किए थे जिसको लेकर अब बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। बीजेपी तो सीएम भूपेश के उसके दावे को भी याद दिला रही है जब उन्होंने कहा कहा था कि, साक्ष्य उनकी जेब में है।

Advertisment

यह भी पढ़ें... CG Raigarh Accident: रायगढ़ में यात्री बस अनियंत्रित होकर पलटी, 2 की मौत, 26 घायल

छत्तीसगढ़ के लिए झीरम घाटी कांड एक कभी न भरने वाले घाव की तरह है। 10 साल बाद भी इस हत्याकांड का रहस्य अनसुलझा है लेकिन इस मसले पर सियासत सुलझी हुई नजर आती है। कब और कैसे झीरम को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना है ये सियासतदान खबुखी जानते है शायद यही वजह है कि, बीते कई साल से इसपर सियासत रूकने का नाम नहीं ले रही।

आज का मुद्दा AAJ KA MUDDA
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें