भोपाल। मध्य प्रदेश तेजी से एक नए रिकॉर्ड की ओर बढ़ रहा है। दरअसल, खंडवा में नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर बांध पर विश्व का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर एनर्जी प्लांट (floating solar energy plant) को तैयार किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। इस सोलर पार्क के बन जाने के बाद प्रदेश में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी। आइए जानते हैं इस सोलर एनर्जी पार्क की खासियत
यह है खासियत
एक अनुमान के अनुसार, आगामी दो साल में इस परियोजना से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलने लगेगी। उन्होंने कहा कि बांध के लगभग 2,000 हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगाकार बिजली का उत्पादन होगा।
सोलर पैनल जलाशय में पानी की सतह पर तैरते रहेंगे। बांध का जलस्तर कम-ज्यादा होने पर यह स्वत: ही ऊपर-नीचे ‘एडजस्ट’ होते रहेंगे। तेज लहरों और बाढ़ का इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सूर्य की किरणों से निरंतर बिजली का उत्पादन मिलता रहेगा।
3,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस सौर ऊर्जा पार्क को इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन, वर्ल्ड बैंक और पॉवर ग्रिड ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी इस प्रोजेक्ट से बिजली खरीदेगी। कंपनी ने 400 मेगावाट बिजली खरीदने की बात कही है। प्रोजेक्ट में बनाए जा रहे सोलर पैनल ओंकारेश्वर बांध के बैकवॉटर में तैरेंगे। यहां बिजली का उत्पादन बांध के करीब 2,000 हेक्टेयर जल क्षेत्र में होगा।