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World Tribal Day: MP BJP अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर बोले- आज खुशी नहीं मातम मनाने का दिन, जानें क्यों

World Tribal Day: मध्यप्रदेश बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर ने क्यों कहा आज खुशी नहीं मातम मनाने का दिन है।

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Rahul Garhwal
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हाइलाइट्स

  • आज विश्व आदिवासी दिवस
  • BJP अजजा मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर का बयान
  • बोले- आज खुशी नहीं मातम मनाने का दिन
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World Tribal Day: विश्व आदिवासी दिवस पर मध्यप्रदेश में छुट्टी घोषित नहीं करने को लेकर कांग्रेस सरकार को निशाने पर ले रही है। झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया ने बीजेपी को आदिवासी विरोधी बताया। वहीं इस पर बीजेपी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर ने जवाब देते हुए कहा कि आज खुशी नहीं मातम मनाने का दिन है। खुशी मनाने का दिन तो 9 अगस्त नहीं 15 नवंबर है। उस दिन हमारे भगवान बिरसा मुंडा की जयंती होती है।

झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया ने साधा निशाना

झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त पर छुट्टी ना घोषित करना यह दर्शाता है कि सरकार आदिवासी की विरोधी है। पूरा देश 9 अगस्त को आदिवासी दिवस मनाता है। हमने विधानसभा सत्र में यह मांग भी की थी परंतु सरकार द्वारा इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। कांग्रेस आदिवासी दिवस पर छुट्टी देती थी, उसे भी रद्द कर दिया है। बीजेपी का आदिवासी विरोधी चेहरा उजागर होता है।

बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर का बड़ा बयान

विश्व आदिवासी दिवस पर बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने विश्व आदिवासी दिवस को मातम मनाने का दिन बताया है। कलसिंह भाबर का कहना है कि 9 अगस्त को क्या हुआ था, जो हम विश्व आदिवासी दिवस मना रहे हैं। वास्तव में 9 अगस्त को वास्कोडिगामा ने आदिवासियों का नरसंहार किया था। उसको माफी मांगनी पड़ी थी। उसे यहां नहीं मनाना है। वो जहां हुआ था वहां हमारे 17 हजार आदिवासी बंधुओं का मारा गया था। उनका मातम मनाना चाहिए। उनके लिए दुख प्रकट करना चाहिए, लेकिन यहां तो खुशियां मनाते हैं।

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विश्व आदिवासी दिवस के फैसले में भारत शामिल नहीं

आदिवासी नेता कलसिंह भाबर का कहना है कि जब UNO में विश्व आदिवासी दिवस मनाने का प्रस्ताव पास हुआ था, उस समय UNO में भारत देश का कोई प्रतिनिधि नहीं था। न ही भारत उसमें शामिल था। इसलिए यहां आदिवासी दिवस मनाने का कोई तात्पर्य नहीं है।

आदिवासी दिवस के सही मायने

बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर ने कहा कि वास्तव में आदिवासी दिवस मनाना है तो आदिवासियों को पढ़ाएं, उन्हें संबल और ताकतवर बनाएं। आदिवासियों को वो स्मरण कराएं जैसे हमारे पूर्वज थे। हमारे पूर्वज यहां राजा रहे और देश को चलाया। आदिवासियों को ये याद दिलाना चाहिए, तब जाकर हम कहेंगे कि हम आदिवासी दिवस मनाएं।

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हमारे लिए भगवान बिरसा मुंडा की जयंती खुशी का दिन

बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष कलसिंह भाबर का कहना है कि 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पूरे देश में खुशी से मनाई जाती है। हम बिरसा मुंडा को भगवान मानते हैं। वे हमारे आराध्य देव हैं। हमारे पूर्वज हैं। इसलिए उस दिन आदिवासियों का दिवस मनाना सार्थक है।

( झाबुआ से श्रवण मालवीय की रिपोर्ट )

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