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World Milk Day 2024: मिल्क प्रोडक्शन में MP मार रहा बाजी, इतने मीट्रिक टन K हो रहा उत्पादन; युवा ऐसे बनाएं करियर

World Milk Day 2024: मिल्क प्रोडक्शन में MP मार रहा बाजी, इतने मीट्रिक टन का हो रहा उत्पादन; युवा इस तरह बनाएं करियर

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Preetam Manjhi
World Milk Day 2024: मिल्क प्रोडक्शन में MP मार रहा बाजी, इतने मीट्रिक टन K हो रहा उत्पादन; युवा ऐसे बनाएं करियर

हाइलाइट्स

  • मिल्क प्रोडक्शन में MP मार रहा बाजी
  • रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा
  • दुग्ध उत्पादन में MP तीसरे नंबर पर
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World Milk Day 2024: मध्यप्रेदश में दूध उत्पादन के क्षैत्र में बाजी मार रहा है। इसके साथ ही युवाओं के करियर में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके साथ ही रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा दे रहा है।

प्रदेश के लोग बड़ी संख्या में दूध का उतपादन कर रहे हैं। यही वजह है कि देश में दूध उत्पादन में मध्यप्रेदश तीसरे नंबर पर है। चलिए आज हम आपको बताते है कि दूध उत्पादन से अपना करियर कैसे बना सकते हैं।

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1796774425817469294

मानव जीवन में दूध की भूमिका

हमारी सेहत के लिए दूध काफी फायदेमंद होता है। यही वजह है कि डॉक्टर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को दूध पीने की सलाह देते हैं। कैल्शियम से भरा दूध हमारे शरीर के संपूर्ण विकास के लिए काफी जरूरी है।

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दूध उत्पादन में मध्यप्रदेश का योगदान

भारत को दुग्ध उत्पादन में सबसे ऊपर का स्थान दिलाने में मध्यप्रदेश का भी महत्वपूर्ण योगदान है। बता दें कि कुल 17 हजार 999 मीट्रिक टन के साथ प्रदेश का दुग्ध उत्पादन में देश में तीसरा स्थान है।

प्रदेश में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति के हिसाब से दूध की उपलब्धता 591 ग्राम प्रतिदिन है। यह उपलब्धता राष्ट्रीय औसत प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से प्रतिदिन 444 ग्राम से 147 ग्राम ज्यादा है।

इसलिए मनाया जाता है वर्ल्ड मिल्क डे

दुग्ध उत्पादन से देश-प्रदेश को बहुत फायदा होता है। इसी को देखते हुए 1 जून को मिल्क डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को दूध का फायदा बताना होता है। इस दिन के जरिए ये भी बताया जाता है कि दूध कैसे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और समुदायों को लाभ पहुंचाता है।

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FAO के मुताबिक करीब 6 अरब लोग डेयरी उत्पादों का उपयोग करते हैं। इसके अलावा डेयरी बिजनेस में एक अरब से ज्यादा लोगों को आजीविका चलाने में मदद करता है।

ऐसे बना सकते हैं अपना करियर

डेयरी टेक्नोलॉजी और डेयरी मैनेजमेंट इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने वाले दो अहम विषय हैं। डेयरी टेक्नोलॉजी या मैनेजमेंट के पेशेवरों के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में करियर बनाने का मौका है।

इस इंडस्ट्री में डेयरी मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव, फार्म मैनेजर, डेयरी क्लर्क, वेटरनरी टेक्नीशियन, डेयरी प्रोसेसिंग, डेयरी न्यूट्रिशनिस्ट, डेयरी प्रोडक्शन मैनेजर आदि के तौर करियर बना सकते हैं।

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ये कोर्स बनेंगे करियर का आधार

अगर आप दुग्ध उत्पादन के क्षैत्र में अपना अच्छा करियर बनाने की सोच रहे हैं तो साइंस विषयों के साथ 12वीं करने के बाद डेयरी टेक्नोलॉजी में बीटेक और बीएससी कर अपने भविष्य को दाखिल कर सकते हैं।

इसके बाद एमटेक, एमएससी और मास्टर्स के बाद PHD भी करने का विकल्प होता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और NTA की तरफ से आयोजित ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जामिनेशन फॉर एडमिशन (AIEEA) के जरिए डेयरी टेक्नोलॉजी के बीटेक कोर्स में एडमिशन मिलता है।

डेयरी टेक्नोलॉजी के साथ डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी केमिस्ट्री, डेयरी इकोनॉमिक्स, डेयरी कैटल न्यूट्रिशन आदि में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।

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MBA और PGD से बनेगा मजबूत भविष्य

डेयरी सेक्टर में अपना करियर बनाने के लिए इच्छुक युवा ग्रेजुएशन के बाद डेयरी मैनेजमेंट में MBA या पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (PGD) करके इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। इस कोर्स के बाद डेयरी सेक्टर में बतौर मैनेजर जॉब शुरू करने का मौका हासिल कर सकते हैं।

खुद का डेयरी बिजनेस करने का विकल्प

देश के कई कृषि विश्वविद्यालयों में डेयरी मैनेजमेंट कोर्स संचालित किए जाते हैं। डेयरी मैनेजमेंट में MBA या PGD करने के बाद आपके पास बतौर डेयरी मैनेजर, फार्म मैनेजर, फार्म सर्विसेज हेड आगे बढ़ने का मौका मिलता है। आपके पास खुद का डेयरी व्यवसाय भी शुरू करने का विकल्प रहेग।

रोजगार और स्वरोजगार को बढ़ावा

दुग्ध उत्पादन से प्रदेश के सभी स्तर के लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलते हैं। इस व्यवसाय को अनपढ़ और पढ़े लिखे दोनों केटेगरी के लोग कर सकते हैं। प्रदेश में कई लोग इस व्यवसाय को सुचारू रूप से कर रहे हैं। साथ ही अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं।

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यहां मिलता है जॉब करने का मौका

ग्रामीण बैंक, मिल्क प्रोडक्ट प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग फर्म डेयरी फार्म आदि में नौकरी हासिल कर सकते हैं। इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां, जैसे अमूल, मदर डेयरी, सांची, पारस, नमस्ते इंडिया, गोपालजी, दुग्ध सहकारी संघ लिमिटेड (सुधा), ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, नेस्ले आदि इन पेशेवरों को जॉब देते हैं। आप चाहें तो अपना डेयरी फार्म शुरू कर सकते हैं।

मिल रहा पशुपालन को बढ़ावा

दूध के उत्पादन से पशुपालन को भी बढ़ावा मिल रहा है। लोग दूध के लिए बड़ी संख्या में पशुओं का पालन कर रहे हैं। इतना ही नहीं डेयरी चलाने के लिए अलग-अलग और जोरदार नस्ल के पशुओं को रख रखते हैं, जिससे पशु पालन को बढ़ावा मिल रहा है।

दुग्ध उत्पादन में MP तीसरे नंबर पर

आपको बता दें कि देश में जनसंख्या के हिसाब से दूध का उत्पादन देखें तो प्रति व्यक्ति के हिसाब से 459 ग्राम दूध उपलब्ध है।

देश में कुल दूध का उत्पादन 1376 मिलियन टन हो रहा है। सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है। बेसिक एनिमल हसबैंड्री स्टैटिक्स के मुताबिक पिछले पांच सालों में देश में दुग्ध उत्पादन में लगभग 23 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।

दुग्ध उत्पादन के मामले में देश में पहले नंबर पर उत्तर प्रदेश, दूसरे नंबर पर राजस्थान और तीसरे स्थान पर मध्यप्रदेश है। वहीं गुजरात चौथे नंबर पर है।

- उत्तर प्रदेश में हर साल 36.11 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है।

- राजस्थान में दुग्ध उत्पादन हर साल 33 मिलियन टन हो रहा है।

- मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन हर साल 20.12 मिलियन टन होता है।

- गुजरात में हर साल 17.28 मिलियन टन दूध का उत्पादन हो रहा है।

सरकार लगातार कर रही प्रयास

दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में सरकार की लगातार ये कोशिश है कि मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में पहले स्थान पर पहुंचे।

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