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Tungnath Temple: क्यों झुक गया दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, जानें पाण्डवों से क्या था कनेक्शन

Tungnath Temple: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ शिव मंदिर (Tungnath Temple) झुक रहा है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया...

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Tungnath Temple: क्यों झुक गया दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, जानें पाण्डवों से क्या था कनेक्शन

Tungnath Temple: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ शिव मंदिर (Tungnath Temple) झुक रहा है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की तरफ से कराए स्टडी में यह बात निकलकर सामने आई है कि मंदिर में 5 से 6 डिग्री तक का झुकाव आया है और परिसर के अंदर बनी मूर्तियों में 10 डिग्री तक का झुकाव देखने को मिला है। इस बारे में श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने एएसआई को पत्र भेजा है।

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प्राकृतिक आपदाओं से असर

इसमें मंदिर का संपूर्ण अध्ययन कर यथाशीघ्र संरक्षण करने को कहा गया है। मंदिर के मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी का कहना है कि वर्ष 1991 में आए भूकंप और समय-समय पर प्राकृतिक आपदाओं से मंदिर पर व्यापक असर पड़ा है। वर्ष 2017-18 में एएसआई ने मंदिर का सर्वेक्षण करने के लिए ग्लास स्केल भी लगाईं थी। अब विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर मंदिर में झुकाव आने की बात कही है।

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मंदिर की विशेषता

तुंगनाथ पर्वत पर स्थित तुंगनाथ मंदिर 3640 मीटर की ऊंचाई पर बना है। यह शिव मंदिर अपनी ट्रेकिंग, सुन्दरता के साथ-साथ ऊंचाई के लिए भी जाना जाता है। हर मौसम में यहां पर श्रद्धालुओं का भीड़ लगी रहती है। तुंगनाथ मंदिर भव्य एवं अद्भुत संरचना से बना है।  ये मंदिर पंचकेदारों में शामिल है। यहां भगवान भोलेनाथ की भुजाओं की विशेष पूजा की जाती है क्योंकि इस स्थान पर भगवान शंकर भुजा के रूप में विद्यमान हैं।

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जुड़ी हैं कई पौराणिक मान्यताएं

ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में पांडवों द्वारा कराया गया था। पांडवों ने भगवान भोलेनाथ को खुश करने के लिए यह मंदिर बनवाया था। महाभारत काल के अलावा एक ओर मान्यता है कि जब राम ने रावण का वध किया तो खुद को हत्या के पाप के मुक्ति दिलाने के लिए भगवान राम यहां पर आए थे। यहां पर राम ने भगवान शिव की तपस्या की थी और यहीं पर भोलेबाबा का मंदिर बनवाया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भोलेनाथ से विवाह से पहले उन्हें खुश करने के लिए तुंगनाथ की धरती पर ही तपस्या की थी।

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