नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि वैश्विक मंच पर भारत का कद काफी बढ़ गया है और विश्व को इस देश से अधिक उम्मीदें हैं। जयशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में काफी परिवर्तन हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम खुद को एक अलग रणनीतिक माहौल में पाते हैं। वैश्विक मंच पर हमारा कद काफी बढ़ गया है। दुनिया हमसे वैश्वीकरण के युग में अधिक योगदान की अपेक्षा करती है।’’ ‘सुशासन सप्ताह’ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ अपने राष्ट्रीय विकास के लिए हम भी दुनिया से बहुत कुछ पा सकते हैं। इन सबका सीधा संबंध सुशासन से है।
भाजपा को मानवतावादी सरकार बताया
’’ उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने देश के सामने एक अभूतपूर्व चुनौती पेश की, जिसने उसे कई मुद्दों से अधिक तत्परता से निपटने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा, ‘‘ उनमें से एक चुनौती ऐसे समय में आपूर्ति श्रृंखलाओं को जारी रखने की थी, जब कई सीमाएं बंद थीं।’’ जयशंकर ने दवाओं तथा चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कई देशों में भारतीय मिशनों द्वारा निभाई गई ‘‘सक्रिय भूमिका’’ का जिक्र किया, साथ ही सरकार के विदेशों में भारतीय नागरिकों और प्रवासी समुदाय को वैश्चिक महामारी के मद्देनजर सहायता प्रदान करने के कदम को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने फंसे हुए भारतीय नागरिकों को सुरक्षित घर वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जयशंकर ने ‘वंदे भारत’, ‘देवी शक्ति’ जैसे अभियानों तथा कठिनाइयों का सामना कर रहे भारतीय नागरिकों को प्रदान की गई सहायता का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ हम जीवन को आसान बनाने के लिए काम करने वाली एक मानवतावादी सरकार हैं।
न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन
’’ ‘वंदे भारत’ मिशन के तहत, भारत ने वैश्विक महामारी के कारण दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फंसे लाखों भारतीय नागरिकों को देश वापस लाने की व्यवस्था की। वहीं, 15 अगस्त को अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से वहां से भारतीय नागरिकों और अन्य लोगों को निकालने के लिए ‘देवी शक्ति’ अभियान शुरू किया गया था। जयशंकर ने कहा, ‘‘ जहां तक विदेशों में हमारे नागरिकों और प्रवासियों से संबंध की बात है, हमने हमारी सरकार के इस नजरिए को स्पष्ट कर दिया है कि हमारी जब भी जरूरत होगी, हम उनके साथ हैं।’’ जयशंकर ने पासपोर्ट जारी करने से संबंधित सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार के बारे में भी बात की। जयशंकर ने कहा कि पासपोर्ट सेवाओं के लिए डाकघरों का उपयोग ‘‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’’ का एक वास्तविक उदाहरण है।