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भोपाल। दुनियाभर में आज विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है। WHO की पहल पर हर साल जागरूकता फैलाने और स्वैच्छिक रक्तदान करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। आपका रक्तदान किसी के लिए जीवनदान हो सकता है, इसलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। ऐसे में आज हम आपको मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के एक ऐसे ब्लड कॉल सेंटर के बारे में बताने जा रहे हैं। जहां आप कॉल करके कभी भी मदद ले सकते हैं।
इस कॉल सेंटर के पास करीब चार लाख लोगों का डाटा है, जो हर वक्त समाज सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। आप इस नबंर (9200250000) पर कॉल करके मदद ले सकते हैं। आईए जानते हैं कि इस कॉल सेंटर की और क्या खासियत है।
नायक बीच की कड़ी बन गए
इस कॉल सेंटर को इंदौर के रहने वाले अशोक नायक चलाते हैं। अशोक 2007 से पहले तक दर्जी का काम किया करते थे। लेकिन धीरे-धीरे करके वे समाज सेवा में जुड़ गए और जरूरतमंदों के लिए ब्लड का बंदोबस्त करवाने लगे। लोगों को पहले डोनर ढूंढने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में नायक बीच की कड़ी बन गए और लोगों को डोनर ढूंढने में मदद करने लगे।
ऐसे हुई शुरूआत
नायक के एक दर्जी से सामाजिक कार्यकर्ता बनने की कहानी काफी दिलचस्प है। दरअसल, साल 2007 में वे अपने एक परिवार के सदस्य को बीमार हालत में लेकर MY हॉस्पिटल लेकर गए थे। वहां उन्होंने एक महिला को काफी रोते देखा। पूछने पर पता चला कि उनके मरीज को खून की जरूरत है, लेकिन डोनर नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अशोक नायक आगे आए और महिला के परिजन के लिए ब्लड डोनेट किया। घर आकर जब उन्होंने इस रक्तदान के बारे में लोगों से बताया तो लोगों ने उनके इस कदम की काफी तारीफ की। इसके बाद से अशोक नायक ने ब्लड अरेंजमेंट का सिलसिला शुरू कर दिया।
अपने साथ साथियों को जोड़ा
नायक ने धीरे-धीरे करके इस काम में अपने साथियों को जोड़ा। इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल नंबर शहर के अस्पतालों में बांट दिया। लोग उनसे संपर्क करने लगे। नायक कहते हैं कि जब आप अच्छा काम करते हैं तो परेशानी भी आती है। उनके सामने पैसों की समस्या खड़ी हो गई थी। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी। इस काम के लिए उन्होंने दस फीसदी ब्याज पर बाजार से पैसे लिए। ताकि समय पर लोगों की मदद की जा सके। धीरे-धीरे करके उन्होंने विभिन्न शहरों में अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया।
शासन का भी साथ मिला
उनके इस नेक काम में प्रशासन का भी साथ मिला। शासन की तरफ से गंगवाल बस स्टेंड क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल के पास उन्हें एक भवन दिया गया। यहां से नायक ने कॉल सेंटर संचालित करना शुरू कर दिया। शासन-प्रशासन के साथ नायक के इस काम में शहर के आम लोग भी जुड़ते गए। आज उनके पास करीब चार लाख लोगों का डाटा है। जिस भी शहर से उनके पास कॉल आता है, वे हॉस्पिटल के पास ही मौजूद बल्ड डोनर को ढूंढकर खून की व्यवस्था करा देते हैं।
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