MP SHAJAPUR NEWS: महिला बाल विकास की कार्यकर्ता, सहायिका, सुपरवाइजर व परियोजना अधिकारी हड़ताल पर, काम-काज हुआ पूरी तरह प्रभावित

MP SHAJAPUR NEWS: महिला बाल विकास की कार्यकर्ता, सहायिका, सुपरवाइजर व परियोजना अधिकारी हड़ताल पर, काम-काज हुआ पूरी तरह प्रभावित

(शाजापुर से आदित्य शर्मा की रिपोर्ट): जिले में महिला बाल विकास जो पिछले 1 वर्षों से सरकार को ज्ञापन के माध्यम से सूचना पर सूचनाएं आवेदन प्रतिवेदन प्रार्थना कर कर के थक ने के बाद 15 मार्च से संपूर्ण विभाग की कार्यकर्ता, सहायिका, सुपरवाइजर व परियोजना अधिकारी पूरी तरह से काम से नाता तोड़ते हुए हड़ताल में चले गये।

आईसीडीएस परियोजना अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रभूषण तिवारी व मबावि पर्यवेक्षक कल्याण संघ प्रदेश अध्यक्ष अंजूकोरपे ने संयुक्त रूप से बताया कि परियोजना अधिकारी पिछले 30 वर्षों से एक ही ग्रेड पे पर कार्य कर रहे हैं पूरे देश में सबसे कम ग्रेड पे पर काम करने वाला मध्य प्रदेश का परियोजना अधिकारी ही है महिला हितैषी सरकार अपने को मामा एवं भाई के रूप में प्रसिद्ध होने के बावजूद पर्यवेक्षक महिलाओं के लिए आज तक पदोन्नति के द्वार नहीं खोले गए हैं नीतिगत ही उनको पदोन्नति रखी ही नहीं गई है जो पर्यवेक्षक के पद पर भर्ती हो रही हैं वहीं पर्यवेक्षक के बाद से ही रिटायर हो रही हैं।

उन्होंने बताया कि यह वही महिलाएं हैं जो दिन भर बसों में घूम घूम कर गांव गांव जाकर प्रदेश का काम करती हैं किंतु इनके पास दो पहिया वाहन एक क्वार्टर एक कार्यालय तो क्या 10 बाई 10 का कमरा भी इनको कार्यालय के रूप में नहीं दिया गया है।

प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रभूषण तिवारी व पर्यवेक्षक संघ अध्यक्ष अंजूकोरपे ने संयुक्त रूप से बताया कि यह वही विभाग है जिसमें प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में मध्यप्रदेश को पूरे देश में पिछले 4 सालों से लगातार प्रथम स्थान पर नाम ऊंचा किया है क्या सरकार का कर्तव्य नहीं है कि अपने कर्मचारियों को भी सुविधाएं मुहैया कराएं जनता ओं के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं हैं किंतु कर्मचारी जिनका पूरा भविष्य विभाग को समर्पित है।

उन्होंने बताया कि सभी विभाग सरकार के द्वारा वाहन ,क्वार्टर दिए जाते हैं एक मात्र यही विभाग है कि हर काम के लिए सबसे पहले कहीं भी किसी भी स्तर पर ड्यूटी ली जा सकती है परंतु उनके लिए क्वार्टर की बात हो तो सरकार इस तरह बात भी करना पसंद नहीं करती है ₹20000 में कौन वाहन मालिक है कि अपना ₹1500000 का वाहन 1000 किलोमीटर चला कर विभाग में अटैच करेगा वाहन का पेट्रोल डीजल और ड्राइवर भी का व्य 15000 से ऊपर होता है टैक्सी परमिट बीमा टैक्स सभी मिलाकर और मेंटेनेंस मिलाकर दो से ₹3000 हर महीने ऊपर से वाहन में खर्चा होता है तो क्या ₹1500000 का वाहन ₹1000 की कमाई के लिए कोई वाहन मालिक विभाग में अटैच करेगा।

आईसीडीएस परियोजना अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष इन्द्रभूषण तिवारी व मबावि पर्यवेक्षक कल्याण संघ प्रदेश अध्यक्ष अंजूकोरपे ने संयुक्त रूप से बताया कि इस विभाग के कार्यालय में जाकर देखें तो केवल जिला स्तर के कार्यालय में ही एक दो बाबू दिखाई देंगे बाकी खंड स्तरीय और परियोजना कार्यालय में भगवान ही मालिक है आखर शोषण सहने की भी एक क्षमता होती है यही कारण है कि आज संपूर्ण विभाग अपने कैरियर को जोखिम में रखकर आंदोलन करने के लिए विवश हो रहा है।

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