बीजिंग। भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद का असर बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों पर भी पड़ता दिख रहा है। खबरों के मुताबिक भारतीय राजनयिकों ने बीजिंग ओलंपिक में शामिल होने से इनकार कर दिया है। दरअसल चीन ने 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में शामिल पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के रेजीमेंटल कमांडर को मशाल धारक बनाया था।
समारोह में हिस्सा नहीं लेगा भारत
दिल्ली में भारत ने गुरुवार को घोषणा की कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के मामलों के प्रमुख 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे, क्योंकि चीन ने गलवान घाटी झड़प में शामिल सैन्य कमांडर को इस प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता का मशाल धारक बनाकर सम्मानित किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चीन के कदम को बताया खेदजनक
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बाग्ची ने चीन के इस कदम को ‘खेदजनक’ करार दिया। बीजिंग में आधिकारिक रूप से स्पष्ट किया गया है कि भारतीय दूतावास से कोई भी समारोह में हिस्सा नहीं लेगा। शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा ले रहा भारत का छह सदस्यीय दल हालांकि अन्य देशों के खिलाड़ियों के साथ उद्घाटन समारोह का हिस्सा होगा।
अमेरिका ने किया भारत का समर्थन
अमेरिका के शीर्ष सांसदों ने 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला करने वाली सैन्य कमान का हिस्सा रहे एक पीएलए सैनिक को चीन द्वारा बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का मशाल धारक चुनने को बृहस्पतिवार को ‘शर्मनाक’ करार दिया है।अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति के सदस्य व रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने कहा कि अमेरिका, भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा।