दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की है। 15 बिंदुओं वाले इस प्लान में धूल से होने वाले प्रदूषण, open burning, वाहन प्रदूषण, पराली जलाने से प्रदूषण आदि को नियंत्रित करने पर विशेष जोर दिया गया है। इसके तहत प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई टीमें गठित की गई हैं, जो प्रदूषण पर निगरानी रखकर प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई करेंगी।
विंटर एक्शन प्लान की घोषणा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए बीते वर्षों में भी काफी कदम उठाए हैं। जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली में प्रदूषण में 30 फीसदी कमी आई है।
सरकार ने इस साल सर्दियों में होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए एक 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान तैयार किया है। इस प्लान के तहत दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के 13 हॉट स्पॉट चिन्हित किए हैं। जिनमें प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष कार्य योजना बनाई गई है। इसके तहत एक वार रूम गठित किया गया है।
इन हॉट स्पॉट पर प्रदूषण की निगरानी के लिए 13 टीमें बनाई हैं, जो सख्त निगरानी कर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। दिल्ली में पराली जलाने के कारण काफी प्रदूषण होता है। दिल्ली सरकार ने दिल्ली में पराली जलने से रोकने के लिए बायो डीकम्पोजर के छिड़काव की तैयारी कर ली है। पड़ोसी राज्यों से भी पराली न जले, इसके लिए भी उपाय करने की अपील की है।
धूल व खुले में कूड़ा जलाने पर सख्ती
धूल के कारण भी काफी प्रदूषण होता है। ऐसे में धूल प्रदूषण को रोकने के लिए भी सरकार ने तैयारी की है। निर्माण स्थलों के लिए बने नियमों की निगरानी के लिए 591 टीम गठित की गई हैं। सड़क पर धूल की सफाई के लिए 82 मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें, पानी छिड़काव के लिए 530 वाटर स्प्रिंकलर और 258 एंटी स्मॉग गन की व्यवस्था की गई।
प्रदूषण फैलाने में वाहनों की भी बड़ी भूमिका है। दिल्ली में बंद किए जा चुके 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की निगरानी के लिए 385 टीमें गठित की गई हैं। पीयूसी जांच पर भी जोर दिया जाएगा और ये टीमें वाहनों के पीयूसी की भी जांच करेगी। 90 ऐसी सड़कों की पहचान की गई है, जहां जाम के कारण प्रदूषण फैलता है। इन सड़कों पर चलने वाले वाहनों को डायवर्ट करने पर जोर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि खुले में कूड़ा जलाने से रोकने के लिए 611 टीमों को गठन किया गया है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक ग्रीन वार रूम तैयार किया गया है, जो 24 घंटे निगरानी रखेगा।
पटाखों पर प्रतिबंध के साथ हरित क्षेत्र बढ़ाने पर जोर
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इस साल भी पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके साथ ही सरकार हरित क्षेत्र बढ़ाने पर जोर देगी। बीते वर्षों में सरकार द्वारा उठाए कदमों से दिल्ली में हरित क्षेत्र 20 फीसदी से बढ़कर 23 फीसदी हो गया है। अब हरित क्षेत्र को और बढ़ाने के लिए दिल्ली में एक करोड से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 92 लाख पौधे दिल्ली सरकार लगाएगी। ई—कचरे से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली में ई—वेस्ट पार्क बन रहा है। सरकार प्रदूषण पर अंकुश के लिए जागरूकता अभियान भी चलाएगी।
पड़ोसी राज्यों से प्रदूषण नियंत्रण के उपाय करने की अपील
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण में दिल्ली के आंतरिक कारकों की हिस्सेदारी 31 फीसदी है और बाहरी राज्यों के कारकों के कारण दिल्ली में 69 फीसदी प्रदूषण फैलता है। इसलिए दिल्ली के पड़ोसी राज्यों से अपील है कि वे भी प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाएं। पडोसी राज्यों को भी सीएनजी वाहन, पीएनजी जैसे स्वच्छ ईंधन पर उद्योग चलाने, जनरेटर के इस्तेमाल को कम करने के लिए 24 घंटे बिजली, ईंट भट्ठों में जिग जैग (Zig zag) तकनीक का इस्तेमाल, पटाखों पर पाबंदी जैसे आदि कदम उठाने चाहिए। पराली जलाने को नियंत्रित करने के लिए भी जरूरी उपाय करने चाहिए।
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