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हाइलाइट्स
वसीयत संपत्ति विवाद से बचने का कानूनी तरीका
ऐसे करें वसीयत तैयार और सुरक्षित रखें कॉपी
रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और फीस की पूरी जानकारी
Will Registration Process 2025: जीवन में एक समय ऐसा आता है जब हमें यह तय करना जरूरी हो जाता है कि हमारी संपत्ति मौत के बाद किसके हिस्से में जाएगी। परिवार में विवाद और कानूनी झंझट से बचने का सबसे आसान तरीका है वसीयत (Will) बनाना। यह एक ऐसा कानूनी डॉक्यूमेंट है जो भविष्य में पारिवारिक कलह और संपत्ति से जुड़े मामलों को सुलझाने में मदद करता है। आइए समझते हैं वसीयत क्या होती है, इसे कैसे तैयार किया जाता है और रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया क्या है।
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वसीयत संपत्ति विवाद से बचने का कानूनी तरीका है।[/caption]
वसीयत होती क्या है
वसीयत यानी Will एक लिखित डॉक्यूमेंट है जिसमें कोई व्यक्ति स्पष्ट करता है कि उसकी संपत्ति मौत के बाद किसे मिलेगी। वसीयत बनाने वाले को वसीयतकर्ता (Testator) और संपत्ति पाने वाले को लाभार्थी (Beneficiary) कहा जाता है। इसमें मकान, जमीन, बैंक अकाउंट, गहने या अन्य संपत्ति को शामिल किया जा सकता है।
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वसीयत स्पष्ट करता है कि व्यक्ति की संपत्ति मौत के बाद किसे मिलेगी।[/caption]
वसीयत कैसे बनाई जाती है
- सबसे पहले वसीयत का ड्राफ्ट तैयार करना होता है।
- इसे साधारण कागज पर हाथ से लिखा या टाइप किया जा सकता है।
- इसमें वसीयतकर्ता का नाम, उम्र, पता और मानसिक रूप से स्वस्थ होने की घोषणा दर्ज होती है।
- इसके बाद संपत्ति की पूरी जानकारी और किसे कितना हिस्सा देना है, यह साफ-साफ लिखा जाता है।
- वसीयत पर दो गवाहों (Witnesses) के साइन जरूरी होते हैं। गवाहों को वसीयतकर्ता के सामने साइन करना होता है।
- तैयार वसीयत को घर पर, बैंक लॉकर में या वकील के पास सुरक्षित रखा जा सकता है। चाहें तो स्कैन कॉपी भी बना सकते हैं।
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अब वसीयत रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जान लीजिए
सब-रजिस्ट्रार ऑफिस जाएं- वसीयतकर्ता को उस जगह के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय (Sub-Registrar Office) में जाना होगा जहां उसकी संपत्ति स्थित है।
जरूरी डॉक्यूमेंट जमा करें- वसीयत की मूल कॉपी, वसीयतकर्ता का पहचान पत्र, दोनों गवाहों के पहचान पत्र
वसीयतकर्ता और गवाहों को रजिस्ट्रार के सामने साइन करना होता है।
फीस का भुगतान करें- वसीयत रजिस्ट्रेशन के लिए फीस राज्य के अनुसार अलग-अलग होती है, आमतौर पर 200 रुपए से 1000 रुपए तक।
ऑफिशियल रजिस्ट्रेशन- सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद वसीयत आधिकारिक रूप से रजिस्टर्ड हो जाती है।
क्यों जरूरी है वसीयत बनाना
- परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद कम होते हैं।
- कानूनी प्रक्रिया आसान हो जाती है।
- वसीयतकर्ता की इच्छा के अनुसार संपत्ति का बंटवारा सुनिश्चित होता है।
FAQs
Q. क्या वसीयत को रजिस्टर कराना अनिवार्य है?
नहीं, वसीयत को रजिस्टर कराना अनिवार्य नहीं है। अनरजिस्टर्ड वसीयत भी मान्य होती है, लेकिन रजिस्ट्रेशन कराने से उसकी वैधता पर कोई संदेह नहीं रहता और भविष्य में विवाद की संभावना कम हो जाती है।
Q. वसीयत बनाने के लिए कौन-कौन से डॉक्यूमेंट जरूरी हैं?
वसीयत के लिए वसीयतकर्ता का पहचान पत्र, संपत्ति के डॉक्यूमेंट्स, इंश्योरेंस पेपर्स और दो गवाहों के पहचान पत्र जरूरी होते हैं।
Q. वसीयत बनाने के बाद क्या उसे कभी बदल सकते हैं?
हां, वसीयतकर्ता अपनी जिंदगी के किसी भी समय नई वसीयत बनाकर पुरानी वसीयत को बदल या रद्द कर सकता है।
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