Jaipur: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल देखने को मिल रहा है। जहां पिछले काफी समय से राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस चीफ सचिन पायलट के बीच खटास की खबरें सामने आती रहती है। कई बार दोनों नेता एक दूसरे को घेरने से भी नहीं बचते है। वहीं एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है।
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस चीफ सचिन पायलट ने गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में वह 1 दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
सीएम का कोई जवाब नहीं मिला
रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, सचिन पायलट ने कहा, “मैंने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा और कहा कि चुनाव आ रहे हैं और हमें जनता को दिखाना होगा कि हमारे वादों और हमारे काम में कोई अंतर नहीं है। लेकिन मुझे अभी तक सीएम का कोई जवाब नहीं मिला है। राजस्थान में, हम न तो उनका इस्तेमाल कर रहे हैं और न ही जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारे कार्यकर्ताओं और जनता को यह नहीं सोचना चाहिए कि हम अपने वादे पूरे नहीं करते हैं।”
यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारी कथनी और करनी में अंतर है।
पायलट ने कहा, “आप सभी जानते हैं कि केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। एक तरफ जहां केंद्र सरकार कांग्रेस के नेतृत्व को निशाना बनाने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, वहीं राजस्थान में हम न तो उनका उपयोग कर रहे हैं और न ही उनका दुरुपयोग कर रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा था।” क्योंकि जनता को यह नहीं सोचना चाहिए कि हम अपने वादों को पूरा नहीं करते हैं।”
11 अप्रैल को करेंगे भूख हड़ताल
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, मैं 11 अप्रैल को एक दिन की भूख हड़ताल करूंगा कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि जनता को यह महसूस न हो कि हम कोई काम नहीं कर रहे हैं या हमने कोई काम नहीं किया है। हमारे किसी भी वादे को पूरा किया।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सचिन पायलट के ये तेवर कांग्रेस को बड़ा नुकसान भी करा सकती है। क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब पार्टी राजस्थान में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और विधानसभा उपचुनावों के लिए कमर कस रही है। वहीं कयास लगाए जा रहे है कि सचिन पायलट बीजेपी में भी शामिल हो सकते है।