Advertisment

World Heritage Day 2023: विश्व विरासत दिवस क्यों मानते हैं? जानें थीम, इतिहास और महत्त्व

World Heritage Day 2023: हर साल 18 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) मनाया जाता है।

author-image
Shyam Nandan
World Heritage Day 2023: विश्व विरासत दिवस क्यों मानते हैं? जानें थीम, इतिहास और महत्त्व

World Heritage Day 2023: हर साल 18 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व विरासत दिवस (World Heritage Day) मनाया जाता है। यहां विरासत का अर्थ वैसी धरोहरों से है, जो ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक इमारत, स्मारक और स्थल के रूप में मौजूद है। इसलिए इसे ‘विश्व धरोहर दिवस’ भी कहते हैं।

Advertisment

यह भी पढ़ें: 19 April Ka Rashifal 2023: बुधवार को इन्हें होगा धनलाभ, क्या कहती है आपकी राशि

विश्व विरासत दिवस क्यों मानते हैं?

हमारे पूर्वजों और पिछली पीढ़ियों ने हमारे लिए कुछ विरासत छोड़ी हैं। ये विरासत हमारी सांस्कृतिक और वैज्ञानिक प्रगति, विचार और सामुदायिक गर्व की निशानियां हैं। संयुक्त राष्ट्र की ईकाई यूनेस्को (UNESCO) इनके महत्त्व को समझते हुए इनके संरक्षण के लिए इस दिवस की शुरुआत की है। ताकि, ये धरोहर नष्ट होने से बचे रहे और अगली पीढ़ी को अपने इतिहास की समझ सकें और प्रेरणा ले सकें।

यह भी पढ़ें: Bhopal News: खाना बेचने के लिए चेनपुलिंग, पैंट्रीकार मैनजर की करतूत जान उड़ जाएंगे होश

Advertisment

विश्व विरासत दिवस का इतिहास

यदि कालक्रम के रूप में चिन्हित किया जाए, तो अनौपचारिक रूप से पहला 'विश्व विरासत दिवस' 1982 में 18 अप्रैल को ट्यूनीशिया में मनाया गया था। लेकिन, विश्व प्रसिद्ध इमारतों और प्राकृतिक स्थलों की रक्षा के लिए और इसे मनाने के लिए पहली बार प्रस्ताव 1968 ई। में पेश किया गया था।

यह भी पढ़ें: Mahie Gill Second Marrige: एक्ट्रेस माही ने आखिर किसके संग रचाई दूसरी शादी ! 2019 में किया था मां बनने का खुलासा

‘यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर’ की स्थापना

इसके बाद इस प्रस्ताव को 1972 ई। में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने मंजूर किया और मिलकर ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहरों को बचाने की शपथ ली। इसके लिए ‘यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर’ की स्थापना की गई।

Advertisment

यह भी पढ़ें: MP Mahua News: एमपी के महुआ से लंदन में बनेगी सॉफ्ट ड्रिंक-कुकीज, रिसर्च से बाद 2 हजार क्विंटल महुआ की बड़ी डील

विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस

आपको बता दें, 18 अप्रैल, 1978 ई। में पहली बार दुनिया के 12 स्थलों को विश्व विरासत स्थल सूची में सम्मिलित किया गया। तब इस दिवस का नाम "विश्व स्मारक और पुरातत्व स्थल दिवस" रखा गया था। साल 1983 ई। में यूनेस्को ने इस दिवस को आधिकारिक तौर पर मान्यता दी और इसे ‘विश्व विरासत दिवस’ के रूप में बदल दिया।

यह भी पढ़ें: China AI Picture Viral : शख्स ने अपनी दिवंगत दादी को ऐसे किया जिंदा ! आप भी चौंक जाएगें ऐसे हुआ कैसे

Advertisment

विश्व विरासत दिवस का महत्व

'विश्व विरासत दिवस' केवल किसी व्यकित, संस्था या समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि पूरी मानवजाति के लिए महत्त्व रखता है। यह दिन हमारे इतिहास, पूर्वजों और बीते दिनों के अमूल्य, ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक इमारत, स्मारक और स्थलों को सहेज और संजोकर रखने के उद्देश्य को याद करने लिए मनाया जाता है।

दरअसल, विश्व विरासत दिवस का सबसे परमुख उद्देश्य अनमोल ऐतिहासिक इमारतों, स्मारकों और पुरातात्विक स्थलों जैसी सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।

यह भी पढ़ें: Crime News: पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुआ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, कोर्ट ने दिया ये आदेश

विश्व विरासत दिवस 2023 की थीम

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत संरक्षण और विकास के महत्त्व विशेष तत्वों को उजागर करने के लिए ‘यूनेस्को’ हर साल एक थीम का चयन करता है। साल 2023 में यूनेस्को ने जिस थीम को चुना है, वह है: “Heritage Changes" यानी “विरासत बदलती हैं”। यह थीम जलवायु परिवर्तन और ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत से अंतर्संबंधित और महत्वपूर्ण विषय पर केंद्रित है।

के एक विशेष तत्व को उजागर करने के लिए हर साल विश्व विरासत दिवस के लिए एक थीम का चयन किया जाता है। इस वर्ष यह दिवस "विरासत परिवर्तन" विषय पर मनाया जाएगा। यह जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के और यह कैसे सांस्कृतिक विरासत से संबंधित है।

आपको बता दें, विश्व विरासत दिवस 2022 की थीम था: “विरासत और जलवायु”। साल 2023 का थीम पिछले साल की थीम को सततता देने के उद्देश्य जो उजागर करता है।

ये भी पढ़ें:

>> Laylatul Qadr 2023: ‘लैलतुल कद्र’ क्या है? जानिए क्या है इसकी 3 खास निशानियां और रमज़ान में महत्व

>> Point Blank Range: क्या है ‘पॉइंट ब्लैंक रेंज’, जिससे अतीक अहमद को मारी गई गोली

>> India’s First Chuk-Chuk Train: आज के ही दिन बम्बई से ठाणे के बीच चली थी देश की पहली छुक-छुक गाड़ी

World Heritage Day world heritage day 2023 world heritage day history विश्व विरासत दिवस विश्व विरासत दिवस 2023 थीम
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें