नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इलाज को लेकर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को कुछ समय के लिए देश की कमान सौंप दी थी। इस बदलाव के साथ कमला हैरिस कुछ समय के लिए अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं। बाइडेन ने हैरिस को कार्रवाहक राष्ट्रपति के पद के साथ न्यूक्लियर फुटबॉल भी सौंप दिया था। ऐसे में कई लोग जानना चाहते हैं किआखिर ये न्यूक्लियर फुटबॉल अमेरिकी राष्ट्रपति के पास ही क्यों रहता है?
कुछ ही देशों के पास है परमाणु हथियार
बतादें कि अमेरिका के राष्ट्रपति (US President) के पास हमेशा एक ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’ (Nuclear Football) रहता है, जो एक तरह का ब्रीफकेस होता है। इससे वह कहीं से भी कभी भी परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं। लेकिन इसके रखरखाव और इस्तेमाल के साथ ही एक बड़ी जिम्मेदारी भी जुड़ी हुई है। ये कहना गलत नहीं होगा कि अमेरिका के राष्ट्रपति के पास मौजूद इस ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’ में तबाही का बटन लगा होता है, जिसे वो जब चाहे दबाकर कहीं पर भी हमले का आदेश दे सकते हैं। यही कारण है कि परमाणु हथियारों की चाभी दुनिया के कुछ ही देशों के हाथ में है।
किसी गलत हाथों में परमाणु हथियारों की चाभी न चल जाए, इसलिए न्यूक्लियर फुटबॉल राष्ट्रपति के पास ही होता है। राष्ट्रपति जिन लोगों को आदेश देते हैं उन्हें मिनटमैन कहा जाता है। क्योंकि राष्ट्रपति जैसे ही मिनटमैन को आदेश देते हैं उन्हें मिनटों में ही मिसाइल लॉन्च करनी होती है।
क्या होता है ‘न्यूक्लियर फुटबॉल’?
‘न्यूक्लियर फुटबॉल’ काले रंग का एक चमड़े का ब्रीफकेस होता है. जो दिखने में बेहद साधारण सा प्रतीत होता है। लेकिन इसमें लगे उपकरण वो काम करने की क्षमता रखते हैं, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। इन उपकरणों की मदद से अमेरिका के राष्ट्रपति जब चाहें अपने वरिष्ठ सलाहकारों और अन्य लोगों से कभी भी बात कर सकते हैं। अमेरिका में बड़ी संख्या में परमाणु मिसाइल मौजूद हैं। लेकिन अगर उन्हें लॉन्च करना है तो उसके लिए राष्ट्रपति से पेंटागन को मंजूरी लेना जरूरी होता है।
कैसे मिलती है सारी जानकारी?
ब्रीफकेस के अंदर कार्टून बुक की तरह दिखने वाला एक पन्ना होता है। जिसमें ग्राफिक्स होते हैं। इन ग्राफिक्स के जरिए ये पता लगाया जा सकता है कि कहीं युद्ध को लेकर क्या योजना है। मिसाइल लॉन्च करने के लिए कौन से हथियार मौजूद हैं और कहां टार्गेट कर सकते हैं। इसमें ये भी जानकारी दी जाती है कि अगर कहीं हमला किया जाता है तो उसमें कितने लोग मारे जा सकते हैं। राष्ट्रपति की बड़ी जिम्मेदारी ये होती है कि उन्हें ये सभी बातें पलभर में समझनी होती हैं। यानी इन्हें समझने में जरा सी भी देरी नुकसानदायक हो सकती है।
राष्ट्रपति को बताना होता है खास पहचान
अगर अमेरिकी राष्ट्रपति पेंटागन को मिसाइल लॉन्च करने का आदेश देते हैं, तो भी इनकी बात को तब तक नहीं माना जाता, जब तक कि वह अपनी खास पहचान ना बतादें। उनकी यही पहचान एक ऐसे कार्ड में होती है, जिसे बिस्किट कहा जाता है। इस कार्ड को राष्ट्रपति हमेशा अपने पास ही रखते हैं ताकि यह गलत हाथों में ना पहुंचे। जब राष्ट्रपति अपनी सही पहचान बताते हैं तो कुछ ही मिनटों में परमाणु मिसाइलों को लॉन्च किया जाता है।
क्या करते हैं मिनटमैन?
मिनटमैन को अपने सहकर्मियों के साथ एक कंप्यूटर की निगरानी करनी होती है. जिसपर कभी भी राष्ट्रपति मिसाइल लॉन्च करने का आदेश दे सकते हैं। अमेरिका में केवल राष्ट्रपति ही परमाणु हमले का आदेश दे सकते हैं। यही कारण है कि राष्ट्रपति के पास हर वक्त ये ब्रीफकेस रहता है और इसका कहीं गलत इस्तेमाल ना हो इसके लिए राष्ट्रपति के साथ हमेशा कुछ खास लोग भी होते हैं। हालांकि राष्ट्रपति बिना खतरे के इस तरह के आदेश नहीं दे सकते। अगर वह ऐसा करते हैं तो जॉइंट कमिटी के चीफ ऑफ स्टाफ इसे मानने से इनकार कर सकते हैं। इस तरह की स्थिति से बचने के लिए आदेश मानने वाले लोगों को खास प्रशिक्षण दिया जाता है, कि कभी भी इसका गलत इस्तेमाल ना हो। लेकिन अगर संकट के समय राष्ट्रपति आदेश दे दें तो उसे रोक पाना बेहद मुश्किल होता है।