नई दिल्ली। पहले स्मार्टफोन रिमूवेबल बैटरी (Removable Battery) के साथ आते थे। जिसमें हम आसानी से बैटरी निकाल लेते थे और काम पड़ने पर दूसरी बैटरी लगाकर इस्तेमाल कर लेते थे। लेकिन समय के साथ स्मार्टफोन में काफी बदलाव आए हैं। जिसमें सबसे अहम बदलाव है नॉन रिमूवेबल बैटरी (Non-Removable Battery)। आज कल लगभग सभी स्मार्टफोन्स में इस बैटरी का ही इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, क्या कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों किया गया। जो लोग जानते हैं उनके लिए अच्छी बात है, लेकिन जो नहीं जानते उनके लिए यह खबर खास है।
इसके पीछे का कारण?
दरअसल, पहले फोन में रिमूवल बैटरी होने की वजह से मार्केट में नकली बैटरी बनने लगी थी और लोग सस्ते के चक्कर में इन्हें अपने मोबाइल में इस्तेमाल भी करते थे। कई बार नकली बैटरी में ब्लास्ट हो जाती थी और लोग इसका दोष कंपनी पर मढ़ देते थे। कंपनी की छवि इससे खराब होती थी। कंपनियों ने इन चीजों के बचने के लिए एक तरकीब निकाना और स्मार्टफोन में नॉन रिमूवल बैटरी का इस्तेमाल किया जाने लगा।
नॉन रिमूवेबल बैटरी के फायदे
नॉन रिमूवेबल बैटरी की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसे फर्जी कंपनियां नहीं बनाती। इसमें ब्लास्ट होने का खतरा भी कम है। साथ ही इसके इस्तेमाल से फोन की सिक्योरिटी में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। जैसे अब स्मार्टफोन को काफी मजबूती के साथ बैंड किया जाता है। जिससे की मोबाइल गिरने पर भी खराब न हो। नॉन रिमूवेबल बैटरी के कारण ही अब फोन को पूरी तरह से सील किया जाता है। ताकि फोन के अंदर आसानी से पानी या धूल आदि न जा सके। नॉन रिमूवेबल बैटरी को फोन में कम जगह में और बेहतर ढंग से फिट किया जाता है। इससे फोन देखने में पतला और काफी अच्छा लगता है। इस बैटरी की लाइफ टाइम भी ज्यादा होती है।
इसके अलावा, फोन चोरी होने की स्थिति में बिना पासवर्ड डाले इसे स्विच ऑफ नहीं किया जा सकता। जबकि पहले चोर बैटरी निकाल कर इसे स्विच ऑफ कर देते थे। हालांकि, अब चोर सिम को स्लॉट से बाहर निकालकर फेंक देते हैं। यही कारण है कि अब ई सिम लाने पर विचार किया जा रहा है। अगर ऐसा हो जाता है तो चोर अब हाथों हाथ पकड़ में आ जाएगा।
नॉन रिमूवेबल बैटरी के नुकसान
ऐसा भी नहीं है कि इस बैटरी के सिर्फ फायदे ही हैं। कुछ नुकसान भी है जिसे हमें जानना चाहिए। जैसे- अगर मोबाइल पानी में गिर जाता है, तो अब हम इसकी बैटरी निकाल नहीं सकते हैं। ऐसे में फोन के खराब होने का चांस ज्यादा रहता है। बैटरी खराब होने की स्थिती में हम खूद से चेंज नहीं कर सकते। इसे हमें सर्विस सेंटर या किसी शॉप से ही रिप्लेस कराना पड़ेगा। रिप्लेस के लिए हम अलग से चार्ज देना पड़ता है।
अब केवल पॉवर बटन ही सहारा है
पहले जब कभी मोबाइल हैंग हो जाता था तो हम उसी बैटरी को रिमूव कर के रि-स्टार्ट कर देते थे। ऐसा करने से सारी समस्या भी ठीक हो जाती थी। लेकिन अब ऐसा करना संभव नहीं है। फोन हैंग होने पर अब सिर्फ पॉवर बटन का ही सहारा होता है। यह भी सही से काम नहीं करता। पहले जहां हम फोन की बैटरी LOW होने पर दूसरे फोन की बैटरी का इस्तेमाल कर लेते थे। वहीं अब ऐसा कर पाना मुश्किल है।