नई दिल्ली। 5G नेटवर्क को लेकर शुरूआत से ही लोग सवाल खड़े करते रहे हैं। कोरोना महामारी को लेकर भी इसपर सवाल उठाए गए , तो कभी दावा किया गया है कि इससे पक्षियों के जीवन को खतरा है। वहीं, टेलीकॉम कंपनियां इन सभी दावों को महज अफवाह बता रही हैं। लेकिन एक बार फिर 5जी नेटवर्क को लेकर सवाल उठने लगे हैं। 5जी को लेकर इस बार अमेरिकी एयरलाइन कंपनियों ने मोर्चा खोल दिया है।
अमेरिका में 5G सेवा को टाल दिया गया
अमेरिका में 5जी सेवा शुरू होते ही इसे टाल दिया गया। क्योंकि एयरलाइन कंपनियां कह रही थीं कि 5G की वजह से उन्हें प्लेन लैंड करने में दिक्कत हो सकती है। माना जा रहा है कि 5G के चलते लैंडिंग के दौरान विमानों के नेविगेशन सिस्टम में बाधा आ सकती है। उनका मानना है कि 5G टेक्नोलॉजी विमानों को बेकार कर सकती है। नतीजा ये रहा कि भारत और अमेरिका की कई उड़ानें रद्द करनी पड़ गईं। हालांकि, बुधवार को अमेरिका की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियां AT&T और Verizon ने 5G सर्विस को शुरू करने का फैसला टाल दिया।
एअर इंडिया ने भी दी थी चेतावनी
बतादें कि एअयर इंडिया ने भी चेतावनी देते हुए कहा था कि अमेरिका में 19 जनवरी से शुरू होने वाले 5G इंटरनेट के कारण कई उड़ानों में कटौती या बदलाव करने पड़ेंगे। वहीं अमेरिकी उड्डयन नियामक फैडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा था कि 5G के कारण विमान के रेडियो अल्टीमीटर इंजन और ब्रेक सिस्टम में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
विमान कंपनियों की क्या है चिंता?
गौरतलब है कि टेलीकॉम कंपनियां अपने 5G वायरलेस सर्विस के लिए ‘अल्टीमीटर’ में इस्तेमाल होने वाले रेडियो स्पैक्ट्रम के काफी करीब वाले स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करती हैं। ‘अल्टीमीटर’ (Altimeter) वहीं यंत्र है जिसका इस्तेमाल विमान में धरती और विमान के बीच की दूरी मापने के लिए की जाती है। ऐसे में विमान और धरती की सटीक उंचाई मापने में दिक्कत हो सकती है। बता दें कि 5G के लिए सी बैंक का रेंज 3.7 से 3.9GHZ होता है। वहीं अल्टीमीटर 4.2 से 4.4GHZ की रेंज में काम करते हैं। ऐसे में 5G के बैंड की फ्रीक्वेंसी और अल्टीमीटर रेडियो की फ्रीक्वेंसी काफी करीब हो रही है जो कि विमान कंपनियों की सबसे बड़ी चिंता है।
विमानन कंपनियों की क्या है मांग
मीडिया रिपोर्ट् के अनुसार 5जी में इस्तेमाल होने वाली सी बैंड की फ्रीक्वेंसी के कारण वे सभी उपकरण काम करना बंद कर सकते हैं जो विमान की उंचाई बताते हैं, सेफ्टी को लेकर डाटा देते हैं। इसके अलावा नेविगेशन सिस्टम भी फेल हो सकता है। विमानन कंपनियों का कहना है कि हवाईअड्डे के रनवे से दो मील के दायरे को छोड़ किसी भी इलाके में 5G इंटरनेट सेवा बहाल की जा सकती है।
टेलीकॉम कंपनियों का क्या कहना है?
AT&T और Verizon ने कहा कि सुपक्षा को लेकर कोई खतरा नहीं है। दुनिया के 40 देशों ने सी बैंड को 5G के लिए उपलब्ध कराया है, लेकिन वहां की विमानन कंपनियों ने इस तरह की कोई शिकायत नहीं की है। हालांकि दोनों कंपनियों के सीईओ ने माना कि एयरपोर्ट के पास 5G नेटवर्क की ताकत को कम किया जा सकता है। फ्रांस में इसका सफल प्रयोग किया गया है