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Basant Panchmi 2024: बसंत पंचमी पर क्यों की जाती है तक्षक नाग की पूजा, जानें इसका महत्व और तरीका

Basant Panchmi 2024: बसंत पंचमी पर क्यों की जाती है तक्षक नाग (Takshak Naag) की पूजा, जानें इसका महत्व और तरीका, पढ़ें पूरी खबर बंसल न्यूज़ पर

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Preeti Dwivedi
Basant Panchmi 2024: बसंत पंचमी पर क्यों की जाती है तक्षक नाग की पूजा, जानें इसका महत्व और तरीका

   हाइलाइट्स

  • बसंत पंचमी 14 फरवरी को
  • बसंत पंचमी पर क्या है तक्षक नाग पूजा का महत्व
  • जानें उपाय और विधि
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Basant Panchami 2024: मां सरस्वती के लिए सबसे खास माना जाने वाला त्योहार बसंत पंचमी इस साल 14 जनवरी को मनाया जाएगा। वैसे तो इस दिन मां सरस्वती की पूजा होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं इस दिन तक्षक नाग के पूजन का भी विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन तक्षक नाग का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसलिए इस दिन नाग पूजन करने से इनसे संबंधित सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं। तो ​चलिए जानते हैं  इस साल बसंत पंचमी पर क्या खास नक्षत्र बन रहे हैं।

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   इस दिन है बसंत पंचमी 

ज्योतिषाचार्य पंडित सनत कुमार खंपरिया के अनुसार इस  साल बसंत पंचमी का त्योहार वेलेंटाइन डे (Valentin Day) यानी 14 जनवरी को मनाई जाएगी। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

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   नाग पूजन से ये दोष होंगे दूर 

पंडित खंपरिया के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सर्प पूजन (Sarp puja Basant Panchanmi) का विशेष महत्व है। जिन लोगों को कालसर्प दोष है उन लोगों को इस दिन आटे या पीतल का सर्प बनाकर पूजन जरूर कराना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता हैं। इस दिन अष्ट नागों की पूजा प्रधान रूप से की जाती है। अष्टनागों के नाम है- अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख

   इस मंत्र का करें जाप 

ॐ बुध जन्म्ये नम:

   ब्रहृमी औषधी का है महत्व 

बसंत पंचमी (Basant Panchmi 2024 kab hai) पर ब्रहृमी औषधी का अपना अलग महत्व है। एमपी के सागर स्थित सरस्वती मंदिर में बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को बृहृमी औषधी का भोग लगाया जाता है। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से बच्चों की बुद्धि का विकास होता है।

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   शुरू होता है विद्यारंभ संस्कार 

हिन्दू मान्यता अनुसार बसंत पंचमी पर बच्चों का विद्यारंभ संस्कार किया जाता है। ज्ञान, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। तो वहीं व्यापारी भी बसंत पंचमी  के दिन सरस्वती पूजन भी करते हैं।

   बसंत पंचमी को कहते हैं सरस्वती पूजन 

हिन्दू कैलेंडर (Panchang) के अनुसार, माघ मास (Magh Month) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी (Basant Panchami 2024) का पर्व मनाते हैं। इस दिन ही ज्ञान, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जानते हैं। हिन्दू धर्म में सरस्वती पूजा के दिन बच्चों की शिक्षा प्रारंभ कराने या अक्षर ज्ञान शुरू कराने की परंपरा है।

   इसलिए होता है सरस्वती पूजन 

ऐसी मान्यता है कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती का ब्रह्माजी के मुख से अवतरण हुआ था। इसलिए ये दिन इनके नाम समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,  बसंत पंचमी को पूजा करने से मां सरस्वती जल्द ही प्रसन्न होती हैं।

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नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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