हाइलाइट्स
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क्यों प्रत्याशी तय नहीं कर पा रही कांग्रेस
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एमपी कांग्रेस को क्यों आ रहा पसीना?
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अटक गए 18 लोकसभा सीटों के नाम
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 29 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के ऐलान के साथ ही प्रचार भी शुरू कर दिया है।
लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अब तक आम चुनाव को लेकर सुस्त ही नजर आ रही है। कांग्रेस ने एमपी में अब तक सिर्फ 10 प्रत्याशियों की घोषणा की है। बाकी बची 18 लोकसभा सीटों को लेकर पार्टी में माथापच्ची जारी है।
आखिर ऐसी कौनी सी वजह है जिसके चलते विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भी कांग्रेस को प्रत्याशी तय करने में पसीना आ रहा है।
कमलनाथ के दावे पर यकीं करना मुश्किल
हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) को लेकर ये बड़ा दावा किया। कमलनाथ ने अनुमान जताया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस 11 से 12 सीट जीतेगी।
लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री के इस बयान पर अब यकीन करना मुश्किल लगने लगा है। इसकी वजह है कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट में देरी।
19 मार्च तक टल गई लिस्ट
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) की तारीखों का ऐलान होने के बाद हर घंटे ये हैडलाइन बनी की बस अब किसी भी वक्त कांग्रेस के 18 प्रत्याशियों की लिस्ट आ सकती है।
कहा तो ये भी गया कि 18 मार्च को कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक के तुरंत बाद प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा।
लेकिन अब ये बैठक भी 19 मार्च तक के लिए टाल दी गई। यानी अभी कांग्रेस की लिस्ट के लिए और इंतजार करना होगा।
दिग्गजों का चुनाव लड़ने से इंकार
दरअसल कांग्रेस के दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ने से इंकार कर चुके हैं।
इसकी शुरूआत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने की थी। उन्होंने साफ कहा था कि मैं राज्यसभा सदस्य हूं, तो मेरे चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता।
उसके बाद कमलनाथ का भी बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने भी चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।
क्या पीसीसी चीफ खुद लड़ेंगे चुनाव
उधर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का भी एक बयान हाल ही में सामने आया था।
जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इस बार लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में 50 फीसदी से ज्यादा युवाओं को मौका देगी।
हालांकि इसके उलट चर्चाएं ये है कि जीतू पटवारी खुद भी चुनाव लड़ना नहीं चाहते।
देरी का खामियाजा भुगत चुकी है कांग्रेस
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने लिस्ट में देरी कर दी थी। हालांकि उस वक्त कांग्रेस के लिए राहत की बात ये थी कि कांग्रेस की एक सीट पर 15-15 नेता चुनाव लड़ना चाहते थे।
लेकिन इस बार माहौल अलग है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में तो कांग्रेस के पास प्रत्याशियों का सूखा पड़ा है।
विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा में देरी का जो खामियाजा कांग्रेस को उठाना पड़ा उससे तो हम सब वाकिफ ही हैं।
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मिशन-29 को रोकने की रहेगी चुनौती
बहरहाल सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के ये तीन बड़े नाम जब चुनाव (Lok Sabha Election) लड़ना नहीं चाहते तो बाकी के नेता रिस्क क्यों लेंगे।
प्रत्याशियों पर माथापच्ची और दिग्गजों का साथ न मिल पाना कांग्रेस की कितनी टेंशन बढ़ाएगा ये तो वक्त ही बताएगा।
सियासी जानकारों की मानें तो मिशन-29 के रथ पर सवार बीजेपी को रोकना अब कांग्रेस के लिए बेहद मुश्किल होगा।