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जानना जरूरी है: पुलिस या सेना में दाढ़ी रखने की मनाही क्यों होती है? जानिए इसके पीछे की वजह

जानना जरूरी है: पुलिस या सेना में दाढ़ी रखने की मनाही क्यों होती है? जानिए इसके पीछे की वजह Why is it forbidden to have a beard in the police or army? Know the reason behind it nkp

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Bansal Digital Desk
जानना जरूरी है: पुलिस या सेना में दाढ़ी रखने की मनाही क्यों होती है? जानिए इसके पीछे की वजह

नई दिल्ली। अगर आपने पुलिसवाले (Police) को करीब से देखा है, तो आपने गौर किया होगा कि वे कभी भी दाढ़ी नहीं रखते। आखिर क्या वजह है जो पुलिस की नौकरी करने वालों को दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं होती है? आइए जानते हैं कि आखिर पुलिस हमेशा क्लीन शेव (Clean Shave) में ही क्यों नजर आती है।

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ताकि पुलिस ऑर्गेनाइज रहे

सिख ऑफिसर्स को छोड़ कर अधिकतर पुलिसवाले क्लीन शेव में नजर आते हैं। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है कि किसी भी देश की पुलिस या आर्मी काफी ऑर्गेनाइज रहती है। ऐसा इसलिए कि अगर किसी भी देश की आर्मी या पुलिस में अनुशासन की कमी होगी, तो वो देश कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएगा। 'बियर्ड' या 'हेयर स्टाइल' को फैशनेबल माना जाता है।

क्यों है दाढ़ी-बाल को लेकर नियम

सेना और पुलिस में अपनी धार्मिक मान्यताओं को अभिव्यक्त करने या न करने को लेकर काफी सख्ती बरती जाती है। चूंकि पुलिस और सेना सीधे देश से जुड़े होते हैं इसलिए ऐसे नियम बनाए गए हैं ताकि कोई भी सैनिक या अधिकारी अपनी वेशभूषा से धार्मिक अभिव्यक्ति न करे। इससे ये पक्का होता है सेना एक यूनिट है और उसकी सामूहिक पहचान मजबूत रहेगी।

केवल सिखों को दाढ़ी रखने की अनुमति

सेना और पुलिस में केवल सिखों को दाढ़ी रखने की अनुमति है। इसके अलावा किसी को भी दाढ़ी रखने की अनुमत नहीं है। ये नियम भारतीय थेलसेना, वायुसेना, नौसेना, अर्धसैनिक बल और राज्य पुलिस के लिए लागू है। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में गैर-सिखों को भी दाढ़ी बढ़ाने की अनुमति दी जाती है। लेकिन वह स्थिति कभी भी धार्मिक नहीं होती।

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बिना अनुमति मूंछ रख सकते हैं

पुलिस विभाग के कर्मचारी बिना अनुमति मूंछें तो रख सकते हैं लेकिन दाढ़ी नहीं रख सकते हैं। हालांकि डिपार्टमेंट से इजाजत लेकर गैर-सिख भी दाढ़ी रख सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि सिखों को दाढ़ी और बाल बढ़ाने की इजाजत क्यों है? बतादें कि सिखिज्म में बाल की प्राकृतिक बढ़त को नुकसान न पहुंचाने की मान्यता है। यह प्रथा 5 ककारों में से एक है, जिसे खुद सिख गुरू गोविंद सिंह ने जरूरी बताया था और सिखों को उस्तरा इस्तेमाल करने मना कर दिया था। दाढ़ी के बाल काटना सिख धर्म में सबसे बड़ी भूल माना जाता है। सिखों के लिए दाढ़ी का महत्व इससे समझा जा सकता है कि मुगल काल में दमन के दौरान सिखों ने दाढ़ी कटाने की बजाए अपना सिर कटवाना सही माना था।

इस्लाम में दाढ़ी रखना अनिवार्य नहीं है

वहीं कई लोग मुसलमानों के बारे में कहेंगे कि इस धर्म में भी लोग दाढ़ी बढ़ाते हैं, फिर उन्हें अनुमति क्यों नहीं है? बतादें कि वैसे तो दाढ़ी रखना मुस्लिम धर्म में सुन्नत माना जाता है। लेकिन ये इस्लाम में फर्ज या अनिवार्य नहीं। यही वजह है कि पुलिस सेवा में सिखों के अलावा किसी को भी दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं और रखनी ही हो तो अलग से इजाजत लेनी होती है।

अगर कोई बिना इजाजत दाढ़ी रखे तो?

अगर कोई बिना इजाजत ऐसा करे तो ये डिफेंस सर्विस रेगुलेशन के 665 रेगुलेशन के खिलाफ माना जाता है। बता दें कि दाढ़ी-मूंछों के रखने या न रखने का ये नियम सेना में दो वजहों से बना है ताकि सेना, पुलिस या पैरा मिलिट्री एक यूनिट की तरह दिखाई दे। दूसरी ये बात भी है कि ये सेवाएं सीधे देश और आम जनता की सुरक्षा से जुड़ी हुई हैं। ऐसे में दाढ़ी या मूछें रखकर चेहरे की पहचान भी बदली जा सकती है, जो देश की सुरक्षा से खिलवाड़ होगा। सिखों की भी दाढ़ी समेत फोटो ली जाती है, जिसमें ये सुनिश्चित किया जाता है कि चेहरा पूरी तरह से समझ में आए।

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