Brahmi on Basant Panchami 2024: हर त्योहार से जुड़ी अपनी परंपराएं हैं। कुछ इसी तरह बसंत पंचमी पर भी ब्राहृी के पौधे का सेवन करने की परंपरा है। माना जाता है कि बसंत पंचमी के दिन ब्राहृमी पूर्ण रूप से परपिक्व हो जाती है। इस दिन सेवन करने से इसके लाभ कई गुना बढ़ जाते हैं।
ब्राह्मी एक औषधीय पौधा है। इसके तने, पत्ते और फूलों को स्वास्थ्य लाभ के लिए उपयोग किया जाता है। ब्राह्मी को ‘ब्रेन बूस्टर’ (Brain Booster) के नाम से भी जाना जाता है, कई स्वास्थ्य संबंधी पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
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आयुर्वेद के अनुसार ब्राह्मी बुद्धि औषधि, पित्तनाशक, मजबूत याददाश्त, ठंडक देने के साथ शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकाला जाता है। ब्राह्मी में एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti Oxident) और एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-डायबिटिक गुण पाए जाते हैं। ब्राह्मी का उपयोग कई वर्षों से आयुर्वेद में औषधि के रूप में किया जा रहा है।
बसंत पंचमी पर परिपक्व होता है ब्राहृी का पौधा
ब्राह्मी के पौधे को लेकर कहा जाता है कि इसकी परिपक्वता के लिए चतुर्दशी से बसंत पंचमी (Brahmi on Basant Panchami 2024) तक का समय खास माना जाता है। माघ के महीने में पंचमी पर ये पूर्ण रूप से पक जाता है। यही कारण है कि बसंत पंचमी के दिन इसका सेवन किया जाता है। वैसे इसका सेवन पंचमी के नौ दिन पहले से शुरु हो जाता है।
दिल के लिए
ब्राह्मी एक ऐसा स्वास्थ्यवर्धक पौधा है जिसे दिल की सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। ब्राह्मी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेट्री के गुण पाए जाते हैं। ब्राह्मी का सेवन हार्ट को स्वस्थ रखने में सहायक है।
तनाव के लिए
ब्राह्मी में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के चलते इसे एक एडाप्टोजेन हेल्थ-बूटी माना जाता है। ये तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है।
याददाश्त बढ़ाने में सहायक
इस समय ब्राहृी का सेवन करने से विद्यार्थियों में याददाश्त बढ़ती है। जिससे उनका दिमाग तेज चलता है। याददाश्त कमजोर होने पर इसका सेवन बेहद फायदेमंद है।
मानसिक विकारों में उपयोगी
मानसिक समस्याओं, मानसिक बीमारियों के इलाज के तौर पर इसे प्रयोग करना बेहद लाभदायक है। दिमाग को ठंडा रखने के लिए भी इसका प्रयोग लाभप्रद है। नींद न आना, कब्जियत और धातु क्षय को रोकने में बेहद मददगार है। एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर ब्राम्ही पागलपन को भी ठीक करने में असरकारक औषधि मानी गई है।
सूजन, पित्त, खांसी में फायदा
यह सफेद दाग, पीलिया, खून की खराबी के लिए भी बेहद लाभकारी होती है। सूजन, पित्त, खांसी में भी इसके फायदे देखे गए हैं।
ब्राह्मी के सेवन में रखी जाने वाली सावधानियां
ब्राह्मी के फायदे बहुत हैं। लेकिन इसके उपयोग में कुछ सावधानी रखना भी बेहद जरुरी है। इसका उपयोग विशेषज्ञ की सलाह लेकर करना चाहिए।
इसमें खटाई का परहेज आवश्यक है।
इसके सेवन के दौरान मानसिक कार्य नहीं करने चाहिए।
जड़ी बूटी युक्त ब्राम्ही पेय का प्रयोग 24 घंटे के अंदर करना ही लाभकारी होता है। इसके बाद इसका सेवन करना नुकसानदायक भी हो सकता है।