Beer Bottle : आज के समय में अगर माना जाए तो लगभग 100 में से 80 लोग बीयर (Beer Bottle) पीना पसंद करते है। लेकिन आपने कभी एक चीज पर गौर किया होगा कि बीयर की बोतल (Beer Bottle) हरे और ब्राउन रंग की होती है। लेकिन बीयर की बोतल हरे या भूरे रंग की ही क्यों होती है? आखिर इसका कारण क्या है? बीयर (Beer Bottle) को सफेद रंग की बोतल में क्यों नहीं रखा जाता? अगर यह बात आपको नही मालूम तो आज हम आपको बताते है।
आखिर क्या है कारण?
बताया जाता है कि हजारों साल पहले सबसे पहली बीयर (Beer Bottle) बनाने वाली कंपनी प्राचीन मिस्र में थी। यहां शुरुआत में बीयर को पारदर्शी बोतलों (Beer Bottle) में सर्व किया जाता था। इस दौरान कुछ बीयर निर्माता ने देखा कि बीयर में पड़ा एसिड सूर्य की रोशनी और उसकी अल्ट्रा वॉयलेट रेज से रिएक्ट कर रहा है। इस रिएक्शन के चलते लोग बीयर से दूरी बनाने लगे, कंपनी को घटा होने लगा।
कंपनी ने निकाला समस्या का हल
कंपनी ने इस समस्या को सुलझाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकला। इसके बाद बीयर (Beer Bottle) निर्माताओं ने बीयर के लिए ऐसी बोतलें चुनीं जिनपर भूरे रंग की कोटिंग चढ़ी थी। उनका यह उपाय काम कर गया। इसके बाद देखा गया कि भूरे रंग की बोतलों में बंद बीयर खराब नहीं हुई। यानी सूरज की किरणों का असर भूरे रंग की बोतलों पर नहीं हुआ। हालांकि, दूसरे विश्व युद्ध के दौरान निर्माताओं के सामने एक और समस्या आ खड़ी हुई। इस दौरान भूरे रंग की बोतलों का अकाल पड़ गया। इस रंग की बोतलें नहीं मिल रही थीं। ऐसे में बीयर निर्माताओं को एक और ऐसा रंग चुनना था जिस पर सूरज की किरण का बुरा असर न पड़े। तब हरे रंग को चुना गया। इसके बाद से बीयर हरे रंग की बोतलों में भरकर आने लगी।