क्या आपने कभी सोचा है कि खाना खाते वक्त बात करने से पेट में गैस या जलन क्यों होती है? कई लोगों को लगता है कि इस आदत से एसिडिटी हो जाती है। लेकिन क्या ये सच है? चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं। अक्सर घरों में बुजुर्ग समझाते हैं कि खाते समय चुपचाप खाना चाहिए। उनका मानना होता है कि बोलने से खाना और हवा साथ में पेट में जाती है, जिससे गैस बनने लगती है। ये सोच पूरी तरह गलत नहीं है, लेकिन पूरी तरह सही भी नहीं। जब हम खाते वक्त लगातार बोलते हैं, तो हम अनजाने में हवा भी निगल लेते हैं। इस स्थिति को एरोफैजिया कहा जाता है। यही अतिरिक्त हवा बाद में पेट फुलाने, डकार आने या बेचैनी का कारण बनती है। गैस बनने की वजह बातचीत में निगली गई हवा हो सकती है। लेकिन एसिडिटी तब होती है जब पेट का एसिड ऊपर की ओर चढ़ने लगे। ये मुख्य रूप से खाने की मात्रा, उसकी क्वालिटी और शरीर की संवेदनशीलता पर निर्भर करता है, न कि सिर्फ बात करने पर... जिन लोगों को पहले से ही एसिड रिफ्लक्स या गैस की दिक्कत रहती है, उनके लिए खाते समय बात करना परेशानी को बढ़ा सकता है। हालांकि पूरी तरह स्वस्थ लोगों पर इसका असर हल्का या ना के बराबर हो सकता है। खाते वक्त बातचीत करने से सीधे एसिडिटी नहीं होती, लेकिन यह आदत गैस और डकार जैसी समस्याएं ला सकती है। जरूरी है कि खाना पूरी एकाग्रता से खाया जाए।
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