नई दिल्ली। कई बार आपने महसूस किया होगा कि मच्छर कुछ लोगों को ज्यादा काटता है और उसके उपर मंडराता भी ज्यादा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? मच्छर किसी को कम तो किसी को ज्यादा क्यों काटते हैं? अगर नहीं सोचा है तो चलिए आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताते हैं।
मच्छर हमारे नजदिक ऐसे आते हैं
दरअसल, मच्छर हमारे द्वारा छोड़े गए कार्बन-डाइ-ऑक्साइड के जरिए हम तक पहुंचते हैं। उन्हें 10 से 50 मीटर तक कार्बन-डाई-ऑक्साइड की बदबू आती है, जब वो इंसानों से 5 से 15 मीटर की दूरी पर होते हैं तो उन्हें इंसान दिखने लग जाते हैं। फिर पास पहुंचते ही वो विजुअल्स का इस्तेमाल करके हमारे नज़दीक पहुंच जाते हैं, इसके बाद शरीर की गर्माहट को भांप कर ये तय करते हैं कि किसे काटना है और किसे नहीं।
इन लोगों को मच्छर ज्यादा काटते हैं
किसी को ज्यादा तो किसी को कम मच्छर क्यों काटते हैं ? इसके कई कारण हैं, लेकिन जो प्रमुख कारण है वो है जिन लोगों के शरीर से लैक्टिक एसिड केमिकल की मात्रा ज़्यादा निकलती है, उन्हें मच्छर ज़्यादा काटते हैं। साथ ही कई वैज्ञानिक परीक्षणों में पता चला है कि O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को भी मच्छर ज़्यादा काटते हैं। इतना ही नहीं जो लोग शारीरिक एक्टिविटी कम करते हैं उन्हें भी मच्छर ज़्यादा काटते हैं।
मच्छर का काटना जींस पर भी निर्भर करता है
इसके अलावा, अमेरिका की Public Library of Science की रिपोर्ट की मानें तो, मच्छरों का ज़्यादा काटना जींस पर भी निर्भर करता है, जैसे अगर पैरेंट्स में किसी एक को भी मच्छर ज़्यादा काटते हैं तो आपको भी मच्छर ज़्यादा काटेंगे। पैरेंट्स के अलावा भाई-बहन के साथ भी यही होता है क्योंकि जींस तो एक ही होते हैं। वहीं एक और रिसर्च की मानें तो, मच्छर सफ़ेद या पीले रंग के कपड़े पहने लोगों के मुकाबले चटक रंग यानि लाल, नीला, जामुनी, बैंगनी और काले रंग के कपड़े पहने लोगों को ज़्यादा काटते हैं। साथ ही बीयर पीने वालों को भी मच्छर ज़्यादा काटते हैं क्योंकि बीयर पीने से शरीर में इथेनॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे मच्छर ज़्यादा आकर्षित होते हैं।