नई दिल्ली। अगर आप गांव से आते हैं तो आपने अक्सर रात के समय जुगनू को चमकते देखा होगा। जुगनू शहर में भी दिखते हैं लेकिन इन्हें ज्यादातर गांव में ही देखा जाता है। अगर आपने भी जुगनू को देखा होगा तो गौर किया होगा कि ये रात में ही चमकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये रात में ही क्यों चमते हैं? ज्यादातर लोग इस बारे में नहीं जानते होंगे। चलिए आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताते हैं।
दरअसल, चमकने के हिसाब से नर और मादा दोनों जुगनू चमकते हैं, लेकिन नर जुगनू उड़ते हुए चमकता है। नर ऐसा इसलिए करता है ताकि वो मादा जुगनूओं को अपनी तरफ आकर्षित कर सके। आपको जानकर हैरानी होगी कि जुगनूओं के अंडे भी चमकते हैं। जुगनू मुख्यत: तीन तरह के रंगों में चमकते हैं। हरा, पीता और लाल।
बतादें कि नर और मादा जुगनू के शारीरिक बनावट में एक खास अंतर होता है। नर जुगनू जहां उड़ते हुए चमक सकता है, वहीं मादा जुगनूओं के पास पंख नहीं होते हैं। इसलिए वो एक ही जगह पर चमती हैं। वैसे तो भारत में भी काफी जुगनू पाए जाते हैं, लेकिन अधिक रोशनी से चमकने वाले जुगनू अधिकतर वेस्टइंडीज और दक्षिणी अमेरिका में पाए जाते हैं।
इस कीड़े की खोज 1667 में रॉबर्ट बायल नाम के एक वैज्ञानिक ने किया था। पहले लोगों को लगता था कि जुगनूओं के शरीर में फास्फोरस होता है जिस कारण से ये चमकते हैं। लेकिन इस बात को 1794 में गलत साबित किया गया और बताया गया कि जुगनू फास्फोरस की वजह से नहीं बल्कि ल्युसिफेरेस नामक के प्रोटीनों के कारण चमकते हैं। जुगनू इस रोशनी में अपने लिए खाना भी खोजते हैं और अपने पार्टनर को भी आकर्षित करते हैं।
हैरानी की बात ये है कि जुगनू में हमेशा लाइट जलती ही रहती है। दिन में हम इनके लाइट्स को नहीं देख पाते। लेकिन जैसे ही अंधेरा छाता है हम इनके लाइट को आसानी से देख पाते हैं। यानी जुगनू सिर्फ रात में ही नहीं चमकते। ये दिन के उजियारे में भी चमकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जुगनू अकेला ऐसा प्राणी नहीं है जो चमकता है। बल्कि हजारों ऐसे जीव हैं जिनके बॉडी मे लाइट जलती है। इनमें कुछ मछलियां, कुछ बैक्टीरिया और कुछ केकड़े भी शामिल है। पुराने जमाने में लोग जुगनू को पकड़कर सीसे के डिब्बे में रखते थे और उसकी रोशनी को अपने घरों में इस्तेमाल करते थे।