नई दिल्ली। हम सभी कभी न कभी किसी न किसी कारण से अस्पताल जरूर जाते हैं। वहां जाने पर हम देखते हैं कि डॉक्टर, नर्स और वार्ड बॉय एक ड्रेस कोड का इस्तेमाल करते हैं। यानी हमे वे अक्सर सफेद रंग के कोट में ही दिखते हैं। लेकिन क्या कभी आपने गौर किया है कि जब यही डॉक्टर्स और नर्स किसी मरीज का ऑपरेशन कर रहे होते हैं तो हरे या नीले रंग के कपड़े पहन लेते हैं। अगर आपने इस बात पर गौर किया है तो आपके मन में यह सवाल जरूर उठा होगा कि वे ऐसा क्यों करते हैं? साथ ही ये भी वे दूसरे रंग जैसे लाल, पीला, काला या किसी अन्य रंग के कपड़े क्यों नहीं पहनते?
ये है वैज्ञानिक कारण
बतादें कि ऑपरेशन थिएटर में हरे और नीले रंग के कपड़े पहनने के पीछे वैज्ञानिक कारण है। दरअसल, ऑपरेशन करने के दौरान डॉक्टरों को काफी देर तक खून देखना पड़ता है। कई बार तो डॉक्टरों को एक-एक सर्जरी करने में कई घंटे भी लग जाते हैं। लंबे समय तक लाल रंग को देखने की वजह से इंसान की आंखों पर काफी जोर पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर ऑपरेशन या सर्जरी पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। ऐसे में जब वे नीले या हरे रंग का कपड़ा पहते हैं तो उनकी नजरें लाल रंग के अलावा हरे या नीले रंग के कपड़ों पर भी जाती रहती है, जो उन्हें काफी सुकून देती है।
यहां से शुरू हुआ ट्रेंड
यहां पर अब सवाल उठता है कि फिर हरे या नीले रंग का कपड़ा ही क्यों पहनते हैं, सफेद या अन्य रंग के कपड़े क्यों नहीं पहनते? इसके पीछे भी एक वजह है। बतादें कि पहले डॉक्टर सर्जरी के दौरान सफेद रंग के कपड़े पहनते थे, लेकिन साल 1914 में एक जाने-माने सीनियर डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान सफेद के बजाए हरे रंग के कपड़े पहन लिए। तब से यह रंग प्रचलन में आ गया। देर तक लाल रंग को देखने के बाद जब हमारी नजरें सफेद रंग पर पड़ती है तो वह भी आंखों में चुभने लगता है और हमें सफेद रंग के साथ-साथ और भी कई रंग नजर आने लगते हैं। ऐसे में डॉक्टर ऑपरेशन पर अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर ऑपरेशन के दौरान हरे या नीले रंग के ही कपड़े पहनते हैं।