Helicopter Passengers Headphone : हवाई सफर भले ही महंगा हो, लेकिन ये आरामदायक और समय की बचत करता है। आपने भी कभी हवाई सफर किया होगा। हवाई सफर के दौरान आपने कभी गौर किया होगा की फ्लाइट में पायलट हेडफोन पहने रहते है, लेकिन यात्री हेड़फोन नहीं पहनते। वही हेलीकॉप्टर में पायलट समेत सभी यात्रियों को हेडफोन पहनने होते है। आखिर ऐसा क्यों, क्या है कारण, आइए आपको बताते है।
पायलटों को हेडफोन क्यों जरूरी?
सबसे पहले बात करते है कि प्लेन में पायलट हेडफोन क्यों पहने होते है। दरअसल, पायलटों को हेडफोन लगाना अनिवार्य होता है। क्योंकि हेडफोन के जारिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल की ओर से दिशा निर्देश दिए जाते है। पायलटों को हवाई यात्रा के दौरान हमेशा एयर ट्रैफिक कंट्रोल के संपर्क में रहना पड़ता है। क्योंकि बिना एयर ट्रैफिक कंट्रोल के पायलट प्लेन नहीं उड़ा सकते है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल की ओर से पायलटों को किस दिशा में जाना है, कब लैंड करना है। इसके अलावा यात्रियों को जरूरी एनाउंसमेंट करने के लिए पायलटों को हेडफोन लगाने होते है।
प्लेन के यात्री क्यों नहीं लगाते हेडफोन?
दरअसल, प्लेन में यात्रियों के लिए पायलट के दिशा निर्देश सुनने के लिए सेंट्रल आॅडियो सिस्टम लगा रहता है। प्लेन के यात्री हेडफोन इसलिए नहीं लगाते क्योंकि प्लेन के अंदर अधिक शांत महौल रहता है। ऐसे में पायलट हेडफोन के माध्यम से यात्रियों को दिशा निर्देश देते है और यात्रियों को सुनने में भी परेशानी नहीं होती है। जबकि हेलीकॉप्टर में पायलट समेत बैठे सभी यात्रियों को हेडफोन लगाने होते है।
हेलीकॉप्टर के यात्रियों को हेडफोन जरूरी क्यों?
दरअसल, हेलीकॉप्टर में यात्रियों और पायलट को हेडफोन लगाना जरूरी होता है। क्योंकि हेलीकॉप्टर में काफी शोर होता है। जब हेलीकॉप्टर उड़ता है तो काफी अधिक तेज आवाज आती है। ऐसे में यात्री एक दूसरे से बात नहीं कर पाते है। ऐसे में पायलट समेत सभी यात्रियों को हेड़फोन लगाना होता है ताकि हेलीकॉप्टर में बैठे यात्री एक दूसरे से बातचीत कर सके। इसलिए हेलीकॉप्टर में सभी लोगों को हेडफोन लगाना पड़ता है।