Chhoti Diwali 2024: पांच दिनी दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से हो गई है। आज छोटी दिवाली (30 अक्टूबर) मनाई जा रही है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर ये पर्व मनाया जाता है। इसे नरक चतुर्दशी, यम चतुर्दशी और रूप चौदस (Chhoti Diwali 2024) के नाम से भी जाना जाता है।
छोटी दिवाली (Chhoti Diwali 2024) का मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा, जो 31 अक्टूबर दोपहर 03 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।
क्या है पूजा का सही समय?
छोटी दिवाली (Chhoti Diwali 2024) पर पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 49 मिनट से लेकर 7 बजकर 43 मिनट तक होगा। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में यम का दीपक जलाने का समय सूर्यास्त के 40 मिनट बाद आता है।
छोटी दिवाली को ही क्यों कहते हैं नरक चतुर्दशी?
छोटी दिवाली (Chhoti Diwali 2024) को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता हैं। लोगों के मन में सवाल आता है कि पावन पर्व को नरक चर्तुर्दशी क्यों कहा जाता है। आपको बता दें कि मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का संहार किया था। ऐसे में लोग इस दिन राक्षस पर भगवान की जीत का जश्न मनाते हैं। इसलिए, इस त्योहार को नरक चतुर्दशी कहा जाता है।
जलाएं यम का दीपक
दीपावली की एक रात पहले यानी की छोटी दिवाली पर यम का दीपक (Chhoti Diwali 2024) जलाया जाता है। बता दें कि यम का दीपक मृत्यु के देवता यमराज के लिए जलाया जाता है।
क्यों जलाया जाता है यम का दीपक?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन यम का दीपक (Chhoti Diwali 2024) जलाने से परिवार में अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है। इस दौरान देवता यमराज से ये प्रार्थना की जाती है कि वे स्वस्थ्य रखें।
यम का दीपक जलाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान!
यम का दीपक (Chhoti Diwali 2024) रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। यमराज के दीपक के लिए मिट्टी का एक बड़ा और चौमुखा दीया लेना चाहिए। इसमें सरसों के तेल में चार बत्तियां लगानी चाहिए। इस दीपक को शाम में प्रदोष काल में परिवार के सभी सदस्यों की मौजूदगी में जलाना चाहिए।
इसके बाद दीपक को घर (Chhoti Diwali 2024) के कोने-कोने में ले जाना चाहिए। इसके बाद इसे घर के बाहर दक्षिण दिशा में रख देना चाहिए। इसके अलावा मान्यता है कि यम का दीया निकालने के बाद उसके पास नहीं जाना चाहिए।
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